वीडियोकॉन लोन केस: चंदा कोचर, दीपक कोचर और धूत को समन भेजेगी CBI

वीडियोकॉन लोन केस में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को सीबीआई समन भेज सकती है. इनके अलावा कई बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

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वेणुगोपाल धूत, चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर (फाइल फोटो) वेणुगोपाल धूत, चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर (फाइल फोटो)

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

वीडियोकॉन लोन केस में सीबीआई, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को समन भेजने वाली है. इंडिया टुडे के सूत्रों के मुताबिक, इन अभियुक्तों के अलावा कुछ आईसीआईसीआई बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी समन जारी किया जाएगा. इन बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है और जांच एजेंसी इनका बयान दर्ज करना चाहती है.

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नाम नहीं बताने की शर्त पर एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि छापे के दौरान इस मामले की जांच से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं और हम उसकी पड़ताल कर रहे हैं. इसके बाद हम व्यक्तियों या संबंधित कंपनियों से आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कह सकते हैं और बाद में समन जारी किया जाएगा. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि लोन मंजूर करने के लिए वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत से चंदा कोचर को पति दीपक कोचर के माध्यम से 'गैर कानूनी घूस' मिला है.

2009 से 2011 के बीच वीडियोकॉन को दिए गए 6 बार उच्च मूल्य लोन

जांच एजेंसी के अनुसार, 1 मई, 2009 को चंदा कोचर के आईसीआईसीआई बैंक के एमडी-सीईओ के रूप में कार्यभार संभालने के बाद वीडियोकॉन को लोन दिया गया था. वह खुद एक मंजूरी समिति में थी, जिसने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (VIEL & Rs) को 300 करोड़ और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (VIL) को 750 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया था. सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक ने जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच विभिन्न वीडियोकॉन कंपनियों को 6 उच्च मूल्य लोन स्वीकृत किए, जब चंदा कोचर बैंक की एमडी-सीईओ थीं.

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इन बैंक अधिकारियों की भूमिका की होगी जांच

एफआईआर के अनुसार (जिसकी एक प्रति इंडिया टुडे के पास है), आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए 1,575 करोड़ रुपये के कुल लोन एनपीए हो गए थे. इस मामले में सीबीआई चंदा कोचर के साथ संदीप बख्शी, के रामकुमार, सोनजोय चटर्जी, एन एस कन्नन, सुश्री ज़रीन दारूवाला, राजेश सभरवाल, के वी कामथ और होमी खुसरोखान सहित आईसीआईसीआई बैंक के शीर्ष अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी. ये बैंक में विभिन्न समितियों का हिस्सा थे.

64 करोड़ के घूस का है आरोप

8 दिसंबर, 2017 को, सीबीआई ने इस आरोप पर प्रारंभिक जांच शुरू की कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाले वीडियोकॉन समूह की विभिन्न कंपनियों को 3250 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया. एक अधिकारी ने बताया कि यह आरोप लगाया गया था कि क्विड-प्रो-क्यू के हिस्से के रूप में, धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़ी कंपनियों को 64 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया.

सीबीआई ने दीपक कोचर की कंपनी पर मारा था छापा

धूत के वीडियोकॉन और कोचर के नूपॉवर रिन्यूएबल्स और सुप्रीम एनर्जी से जुड़े कार्यालयों पर गुरुवार को मुंबई और औरंगाबाद में सीबीआई ने छापा मारा था और कई दस्तावेजों को जब्त किया गया था.

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