फोन टैपिंग केस में बेंगलुरु के पूर्व कमिश्नर आलोक कुमार पर जांच का शिकंजा कसता जा रहा है. फोन टैपिंग केस की जांच में जुटी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) उनके आवास पर छापेमारी के बाद अब आलोक कुमार से पूछताछ कर रही है. फिलहाल वह कर्नाटक रिजर्व पुलिस के एडीजीपी पद पर तैनात हैं.
इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को उनके आवास पर छापेमारी की थी. कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार के एक अनुरोध के बाद पिछले साल अगस्त में इस केस को लेकर सीबीआई की ओर से एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
फोन टैपिंग का आरोप
फोन टैपिंग विवाद तब सामने आया जब एक कथित फोन पर उस बातचीत को मीडिया में लीक कर दिया गया जिसमें एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी शामिल था. कथित तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और जद (एस) के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री एचडी रेवन्ना के नाम भी लीक फोन टेप में पाए गए थे.
कर्नाटक में बीजेपी की बीएस येदियुरप्पा सरकार बनने से पहले जनता दल (एस) और कांग्रेस की गठबंधन वाली एचडी कुमारस्वामी सरकार के भविष्य को लेकर लंबे समय तक चले उथल-पुथल के दौरान कई विधायकों की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता अपने सहयोगियों के फोन टैप कर रहे थे.
क्या हुई थी फोन टैपिंग?
कर्नाटक सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया. पिछले महीने कर्नाटक सरकार की ओर से आरोप लगा गया कि कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार ने सत्ता में रहते हुए अवैध फोन टैपिंग को मंजूरी दी थी.
उस दौरान विपक्ष, पत्रकारों और पुलिस अधिकारियों पर नजर बनाए रखने के लिए अवैध फोन टैपिंग की गई थी. हालांकि कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने इन आरोपों से इनकार किया है.
मुनीष पांडे