केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक की नियुक्ति को लेकर बुलाई गई सेलेक्ट कमेटी की पहली बैठक बेनतीजा रही. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम आवास पर हुई इस बैठक में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा जस्टिस एके सीकरी और लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई निदेशक को लेकर सेलेक्ट कमेटी की बैठक में खड़गे इन बातों को रखने के लिए खत के साथ पहुंचे थे.
मल्लिकार्जुन खड़गे खत के साथ बैठक में पहुंचे थे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, खड़गे ने बैठक में जैसे ही जब पहला पॉइंट रखा तो प्रधानमंत्री मोदी ने CVC के जिस दस्तावेज के आधार पर आलोक वर्मा को हटाया गया था वो सदस्यों को दे दिए. खड़गे की मांग एक तरीके से बिना खत सौंपे ही मान ली गई. इसके बाद खड़गे ने अपना तैयार खत सौंपा ही नहीं. रिपोर्ट मिलते ही खड़गे ने कहा कि उन्हें इनको पढ़ने के लिए वक्त चाहिए, जिसको मान लिया गया. इसके बाद बैठक दोबारा बैठक बुलाए जाने का फैसला हुआ.
इससे पहले CBI में चल रहे विवाद पर मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया. केंद्र सरकार के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को दोबारा सीबीआई चीफ के पद पर बहाल कर दिया. हालांकि, आलोक वर्मा का भविष्य अभी भी एक सेलेक्शन कमेटी के हाथ में है. जिसके सदस्यों का ऐलान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने किया.
इस सेलेक्शन कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए.
सूत्रों की मानें तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपील की है कि इस बैठक को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया जाए. क्योंकि इस दौरान उनका पहले से ही कार्यक्रम तय है.
बता दें कि इस कमेटी में पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को भी शामिल होना था, लेकिन उन्होंने अपनी जगह जस्टिस एके सीकरी को नॉमिनेट किया है.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया, जिसे केंद्र सरकार को बड़े झटके की तौर पर माना गया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से छुट्टी पर भेजे जाने का विरोध किया और कहा कि केंद्र के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश देते हुए आलोक वर्मा को इस पद पर दोबारा बहाल किया.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को आलोक वर्मा ने सीबीआई के दफ्तर पहुंच कर कार्यभार संभाला. बता दें कि आलोक वर्मा अभी कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं. दरअसल, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आलोक वर्मा पर जो भी आरोप लगे हैं उनकी जांच सेलेक्शन कमेटी करेगी और आगे का फैसला लेगी. गौरतलब है कि आलोक वर्मा इसी महीने सीबीआई निदेशक के पद से रिटायर हो रहे हैं.
संजय शर्मा