सुप्रीम कोर्ट में राकेश अस्थाना के खिलाफ याचिका, DG पद से हटाने की मांग

CBI Row सीबीआई में चल रहे विवाद का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें राकेश अस्थाना को सस्पेंड करने की मांग की गई थी.

Advertisement
Rakesh Asthana Rakesh Asthana

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है कि राकेश अस्थाना को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के डीजी के पद से सस्पेंड किया जाए.

याचिका में कहा गया है कि कानून के मुताबिक FIR में आरोपी बताए गए राकेश अस्थाना को मामले के निपटारे तक सस्पेंड कर देना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें प्रमोशन देकर DG बना दिया.

Advertisement

आलोक वर्मा को हटाने पर भी सवाल

साथ ही ये भी कहा गया है कि हाईपावर कमेटी के जरिए जिस तरह आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक पद से हटाया गया, वह पूरी प्रक्रिया भी गलत थी. इसके अलावा कहा गया है कि भविष्य में अगर किसी निदेशक को हटाने की स्थिति आए तो उसके लिए भी नई गाइडलाइन तैयार की जाएं.

याचिका में दावा किया गया है कि आलोक वर्मा को हटाने की पूरी प्रक्रिया निजी स्वार्थ से प्रेरित थी. कमेटी में शामिल दो व्यक्तियों का इस मामले में स्वार्थ था. इसके अलावा कहा गया है कि आलोक वर्मा के खिलाफ कोई चार्जशीट नहीं थी और न ही उनको अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था.

लंबे समय से चल रहा सीबीआई में विवाद

आपको बता दें कि सीबीआई में चल रहा ये विवाद काफी समय से चर्चा में है. दो शीर्ष अफसरों के बीच जंग से शुरू हुआ ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. पहले केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने को गलत बताया था.

Advertisement

आलोक वर्मा की पद पर वापसी हुई तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सेलेक्ट कमेटी ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने ही इस कमेटी को उनपर लगे आरोपों के अनुसार भविष्य पर फैसला करने को कहा था. सेलेक्ट कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी (CJI द्वारा नामित) शामिल थे.

इस कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने आलोक वर्मा को हटाने के पक्ष में फैसला दिया था, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे उन्हें पद पर बरकरार रखने के पक्ष में थे.

राजनीतिक तौर पर भी हल्ला बोल

आपको बता दें कि सीबीआई विवाद का मामला राजनीतिक रूप से भी काफी चर्चा में रहा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि आलोक वर्मा को इसलिए हटाया गया है क्योंकि वह राफेल विमान सौदे की जांच करना चाहते थे और प्रधानमंत्री को डर था कि अगर जांच होती है तो उनकी पोल खुल जाएगी. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी द्वारा राहुल गांधी के इन आरोपों को गलत बताया गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement