टेरर फंडिंग केस: रिश्वत के दोषी पाए गए NIA के 3 अधिकारी, गृह मंत्रालय ने किया सस्पेंड

टेरर फंडिंग में रिश्वत लेने के मामले में NIA के तीन अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. तीनों ही अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक एसपी विशाल गर्ग, निशांत सिंह और मिथिलेश कुमार को सस्पेंड किया गया है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:54 PM IST

  • गृह मंत्रालय ने NIA के तीन अधिकारियों पर की कार्रवाई
  • एसपी विशाल गर्ग, निशांत सिंह और मिथिलेश कुमार सस्पेंड

टेरर फंडिंग में रिश्वत लेने के मामले में NIA के तीन अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. तीनों ही अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक एसपी विशाल गर्ग, निशांत सिंह और मिथिलेश कुमार को सस्पेंड किया गया है. इससे पहले मामला सामने आने के बाद NIA ने तीनों अधिकारियों का तबादला कर दिया था.

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इस पूरे मामले की जांच DIG स्तर के अधिकारी की कमेटी ने की थी. सूत्रों के मुताबिक ये कार्रवाई गृह मंत्रालय ने की है. रिश्वत के मामले सामने आने के बाद कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. यही नहीं NIA के पटना ब्रांच में तैनात DSP के खिलाफ भी रिश्वत की शिकायत आई है, जिसमें गृह मंत्रालय ने गहन जांच के लिए NIA डीजी को लेटर लिखा है.

सूत्र बताते हैं कि एनआईए के डीएसपी पर पटना के एक वकील ने विधायक अनंत सिंह के AK-47 मिलने के मामले में रफा-दफा करवाने के एवज में रिश्वत का मामला आया है. गृह मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एनआईए डीजी को इस मामले में सघन जांच के लिए कहा है.

एनआईए के 3 अधिकारियों पर पिछले महीने आतंकी फंडिंग मामले में रिश्वत लेने का मामला सामने आया था. खास बात ये है कि रिश्वत मांगने वाले तीन अधिकारियों में एक एनआईए के एसपी विशाल गर्ग का नाम भी शामिल था. साथ ही इनमें से एक अधिकारी समझौता ब्लास्ट केस की जांच में भी शामिल रहा है.

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एनआईए के अधिकारिक प्रवक्ता आलोक मित्तल ने उस समय ये कहा था कि तीनों अधिकारियों को एनआईए से बाहर भेजा गया है और मामले की जांच डीआईजी लेबल के अधिकारी से कराई जा रही है. डीआईजी स्तर की अधिकारी की जांच रिपोर्ट आने के बाद तीनों अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है.

क्या है टेरर फंडिग का मामला?

आतंकी संगठन विदेशी संस्थाओं के जरिए भारत में हिंसा फैलाने की कोशिश करते रहते हैं. इन संगठनों की प्राथमिकता रहती है कि किस तरह से भारत की खुफिया जानकारियां उन्हें हासिल हों. एनआईए पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) से भारत में रुपए की फंडिंग को लेकर जांच कर रही है. एफआईएफ का संबंध हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है.

पिछले साल अक्टूबर में एनआईए को गिरफ्तार मोहम्मद सलमान से पूछताछ में पता चला था कि हरियाणा और राजस्थान के कुछ मदरसों के लिए पाकिस्तान से पैसे आए थे.

पूछताछ में सलमान ने बताया था कि वह हरियाणा के पलवल के उठावर गांव में एक मस्जिद बनवा रहा था. इसके लिए एफआईएफ ने फंडिंग की. इतना ही नहीं उसने खुलासा किया था कि उसको दुबई से आतंकी हाफिज सईद की संस्था फलाह-ए-इंसानियत फंडिंग कर रही थी. एनआईए के मुताबिक,विदेशों में एफआईएफ सदस्यों से दिल्ली में कई लोगों ने पैसे लिए और इन पैसों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधि के लिए किया गया.

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