जेपी नड्डा फरवरी में संभालेंगे BJP की बागडोर, लेंगे अमित शाह की जगह

चर्चा है कि जेपी नड्डा ही पार्टी के अगले अध्यक्ष होंगे. वह फरवरी में पार्टी की बागडोर संभाल सकते हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर जेपी नड्डा की ताजपोशी 19 फरवरी को होगी.

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जेपी नड्डा और अमित शाह, बीच में हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) जेपी नड्डा और अमित शाह, बीच में हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

  • तय मानी जा रही ताजपोशी, 19 फरवरी को संभाल सकते हैं पद
  • तब तक संपन्न हो चुके होंगे राज्य इकाई के 80 फीसदी चुनाव

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल पिछली जनवरी में ही समाप्त हो गया था. लोकसभा चुनाव को करीब देख शाह से पद पर बने रहने को कहा गया था. आम चुनाव और इसके बाद शाह के बतौर गृह मंत्री मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद जेपी नड्डा कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे. अब चर्चा है कि जेपी नड्डा ही पार्टी के अगले अध्यक्ष होंगे. वह फरवरी में पार्टी की बागडोर संभाल सकते हैं.

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सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर जेपी नड्डा की ताजपोशी 19 फरवरी को होगी. माना जा रहा है कि 19 फरवरी तक भाजपा की 80 फीसदी से अधिक राज्य इकाइयों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. सूत्रों की मानें तो जेपी नड्डा का 11वां अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है.

गौरतलब है कि इस समय भाजपा में संगठन के चुनाव चल रहे हैं. पार्टी के संविधान के मुताबिक 50 फीसदी से अधिक राज्य इकाइयों के चुनाव हो जाने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव कराया जा सकता है. बता दें कि जेपी नड्डा छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं. वे छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और संगठन में विभिन्न पदों पर भी रहे.

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नड्डा पहली बार साल 1993 में हिमाचल प्रदेश की विधानसभा के सदस्य चुने गए थे. इसके बाद वे प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे और सांसद रहते केंद्र सरकार में भी मंत्री बने. नड्डा मोदी सरकार में भी स्वास्थ्य जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं. अमित शाह के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बने रहे, लेकिन कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में अपना पुराना प्रदर्शन बरकरार नहीं रख पाई.

भाजपा को हाल ही में हुए झारखंड के विधानसभा चुनाव में हार मिली, वहीं महाराष्ट्र की सत्ता भी हाथ से फिसल गई. हरियाणा में भी पार्टी को सीटों का नुकसान उठाना पड़ा और जोड़- तोड़ कर सरकार बनी. पार्टी के प्रदर्शन में आई इस गिरावट के पीछे पूर्णकालिक अध्यक्ष की कमी और शाह का ध्यान मंत्रिपरिषद की जिम्मेदारी की ओर बंट जाने को भी वजह माना जाता रहा है.

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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