राज्यसभा में चुनाव सुधारों पर बहस के दौरान बीजेपी महासचिव और राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश में एक ही चुनाव होने चाहिए. चाहे वह लोकसभा के चुनाव हों या विधानसभा के. इसके अलावा भूपेंद्र यादव ने कहा कि पंचायत के चुनाव भी इन दोनों चुनावों के साथ होने चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे चुनावों में होने वाले खर्चे में भी कमी आएगी.
भूपेंद्र यादव ने कहा 'अगर एक देश-एक चुनाव होगा तो इससे समय की बर्बादी से भी बचा जा सकता है. सभी राजनीतिक पार्टियों को इसमें एक साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए. एक राय बनानी चाहिए. एक मतदाता सूची होनी चाहिए. ताकि मतदाता को वेबसाइट खोलने के बाद पता चल सके कि उसका वोट कहां डालेगा. उसको जानकारी रहे, लेकिन अब लोकसभा के चुनावों में अलग मतदाता सूची होती है. विधानसभा के चुनाव में अलग मतदाता सूची होती है. कई बार देखने में आता है कि उनके वोट कट जाते हैं. सभी राजनीतिक दलों को एक मत होकर आगे बढ़ना चाहिए.'
भूपेंद्र यादव का कहना है कि हमारे देश की जनता लोकतंत्र में बहुत ही समझदार हो चुकी है. एक देश-एक चुनाव के बाद राजनीतिक दलों का खर्चा भी कम हो जाएगा. इसके अलावा विधानसभा-लोकसभा का एक साथ चुनाव होने से आसानी भी होती है. चुनाव में सबसे बड़ा विषय खर्चे का है. सभी पार्टियों को इस विषय में आगे बढ़ कर आना चाहिए. विधानसभा, लोकसभा, पंचायत के चुनाव एक साथ होंगे तो उम्मीदवारों के बीच खर्चा बंटता है. हम अपने राजनीतिक विचारों को लेकर जनता तक पहुंचना चाहते हैं सभी राजनीतिक दलों के खर्च में कमी आएगी.
एक देश में एक ही वोटर लिस्ट होनी चाहिए- भूपेंद्र यादव
ईवीएम पर उठे सवालों पर भूपेंद्र यादव का कहना है कि कोई ऐसी पार्टी नहीं है जिसकी सरकार पिछले 20 सालों में ईवीएम से नहीं बनी हो? ईवीएम को लेकर जो आशंका व्यक्त की जा रही है वह ठीक नहीं है. हम लोकतंत्र को पीछे ले जाने के लिए ऐसा नहीं कर सकते. ईवीएम पर जिन राजनीतिक दलों ने सवाल उठाएं हैं EVM के सहारे उनकी भी सरकर बनी है. राजनीति में पैसा पारदर्शिता के साथ आना चाहिए. अवैध फंडिंग, ब्लैक मनी को खत्म करने पर हमें सोचना चाहिए. राजनीतिक दलों को कैसे जनता के अनुरूप बनाएं? यह विषय ऐसा है जो कि बहुत जरूरी है.
आगे बोलते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश में जो चुनाव होते हैं वह पर्व के तौर पर होते हैं. चुनाव प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा लोग कैसे वोट दें, यह हमको सोचना चाहिए. चाहे हमें संविधान संशोधन करना पड़े, लेकिन एक देश में एक ही वोटर लिस्ट होनी चाहिए. इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए.
अशोक सिंघल