बंगाल में पॉवर प्रोजेक्ट का विरोध, ग्रामीणों का पुलिस के साथ हिंसक टकराव

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में पॉवर सब स्टेशन प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे ग्रामीणों का पुलिस के साथ हिंसक टकराव हुआ. ग्रामीणों का आरोप है कि पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (PGCIL) के प्रोजेक्ट के लिए 16 एकड़ कृषि भूमि का 'जबरन' अधिग्रहण किया गया है.

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ग्रामीणों का पुलिस के साथ हिंसक टकराव हुआ ग्रामीणों का पुलिस के साथ हिंसक टकराव हुआ

इंद्रजीत कुंडू / खुशदीप सहगल

  • कोलकाता,
  • 17 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में पॉवर सब स्टेशन प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे ग्रामीणों का पुलिस के साथ हिंसक टकराव हुआ. ग्रामीणों का आरोप है कि पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (PGCIL) के प्रोजेक्ट के लिए 16 एकड़ कृषि भूमि का 'जबरन' अधिग्रहण किया गया है.

PGCIL की ओर से राजरहाट में 400/220KV के गैस संचालित सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. ये 953 किलोमीटर हाईवोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन का हिस्सा है जिसके जरिए पश्चिम बंगाल के फरक्का से बिहार के कहलगांव तक पॉवर की आपूर्ति होगी. नया साल शुरू होने के साथ ही क्षेत्र में किसान जमीन अधिग्रहण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. नाराज ग्रामीणों का कहना है कि जमीन को जबरन छीना गया है. साथ ही प्रोजेक्ट से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को भी बड़ा खतरा है.

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प्रदर्शनकारी किसानों में से एक ने कहा, 'ममता बनर्जी ने वादा किया था कि कोई भी जमीन जबरन अधिग्रहीत नहीं की जाएगी. लेकिन आज उनकी पार्टी के व्यक्ति बंदूक की नोक पर हमारी जमीन छीन रहे हैं और वो मुंह बंद किए बैठी हैं.'

पश्चिम बंगाल के ऊर्जा मंत्री सोवनदेब चटर्जी ने मंगलवार को दोहराया कि राज्य सरकार ग्रामीणों की मांग के अनुरूप प्रोजेक्ट साइट पर काम बंद कराने के निर्देश पहले ही जारी कर चुकी है. चटर्जी ने कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि अगर कोई तार्किक शिकायतें हैं तो हम मुद्दे का समाधान शांतिपूर्वक ढूंढ लेंगे. लेकिन अगर कोई अनावश्यक तौर पर हिंसा को हवा देना चाहते हैं तो हम असहाय है.'

इस महीने के शुरू में नाराज ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से टकराव हुआ था. तब जिला प्रशासन ने नाराज ग्रामीणों के साथ आपातकालीन बैठक कर इस मुद्दे पर मकर सक्रांति के बाद समाधान ढूंढने का आश्वासन दिया था. मंगलवार सुबह फिर जब सीआईडी ने कथित तौर पर एक ग्रामीण को बीती रात हुए प्रदर्शन की वजह से पकड़ा तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों ने श्यामनगर-हरोआ मार्ग पर जाम लगा कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.

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पुलिस और RAF के बड़े दस्ते को जाम हटाने के लिए मौके पर भेजा गया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया. पुलिस को भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए लाठी-चार्ज और आंसूगैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा. इस बीच, PGCIL ने प्रोजेक्ट पर काम रोक दिया है. प्रदर्शनकारियों ने कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की और एक वाहन में आग लगा दी. ग्रामीणों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस को गांव से लौटने को मजबूर होना पड़ा.

प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद राज्य प्रशासन ने पुलिस को क्षेत्र से हटाने का फैसला किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय विधायक और मंत्री रज्जाक मोल्लाह को स्थिति को शांत करने के लिए मौके पर भेजा है.

ग्रामीणों ने पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति के घायल होने का दावा किया है, जिसे अस्पताल ले जाया गया. ममता बनर्जी ने प्रशासन को किसी भी सूरत में फायरिंग नहीं करने के निर्देश दिए हैं. ममता बनर्जी ने ये भी कहा है कि अगर लोग जमीन नहीं देना चाहते तो कोई जमीन अधिगृहीत नहीं की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो पॉवर प्रोजेक्ट को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया जाएगा.

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