इंसान और कीट समान तरीके से निर्णय लेते हैं, लेकिन मधुमक्खियां हमें बता सकती हैं कि हमारा मस्तिष्क किस तरह काम करता है. यह खुलासा एक नए अध्ययन से हुआ है.
यूनीवर्सिटी ऑफ शेफील्ड में कम्प्यूटर वैज्ञानिक और अध्ययन के सह-लेखक जेम्स मार्शल ने कहा, "हमारी नई गणितीय मॉडलिंग ने मुझे यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या हमारा मस्तिष्क मधुमक्खियों की तरह काम करता है."
'साइंस' पत्रिका ने मार्शल के हवाले से लिखा है, "बहुत से लोग उस नृत्य के बारे में जानते हैं, जिसका इस्तेमाल मधुमक्खियां फूलों व नए छत्तों तक पहुंचने के लिए अपने साथियों को निर्देश देने में करती हैं."
यह दर्शाता है कि नए छत्तों का चयन करते वक्त मधुमक्खियां एक-दूसरे से संवाद के लिए केवल यही तरीका नहीं अपनातीं, बल्कि वे वैकल्पिक छत्तों के बारे में बताने वाली मधुमक्खियों द्वारा किए जाने वाले नृत्य को भी बाधित करती हैं.
शेफील्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल यूनीविर्सिटी, यूनीवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया एंड ब्रिस्टल के जीव-विज्ञानियों ने बेघर मधुमक्खियों के लिए डिब्बों के दो अलग-अलग छत्ते बनाए. उन्होंने देखा कि मधुमक्खियां किस प्रकार दोनों छत्तों में जाती हैं और प्रतिद्वंद्वी मधुमक्खियों से संवाद करती हैं.
भाषा