ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने एयर कंडीशनर (एसी) के लिए भारतीय मौसमी ऊर्जा दक्षता अनुपात (ISEER) नामक एक नई स्टार रेटिंग कार्यप्रणाली की घोषणा की है. भारत में उच्च तापमान में होने वाले परिवर्तन को इस नव विकसित रेटिंग कार्यप्रणाली में समाहित किया गया है और इसी के अनुसार एयर कंडीशनरों की रेटिंग की गई है. उपभोक्ता अब ज्यादा दक्षता वाले एयर कंडीशनर खरीद सकते हैं, जिससे उनका बिजली बिल अपेक्षाकृत कम रहेगा.
अधिक गर्मी के दौरान एयर कंडीशनरों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए आईएसईईआर भारत में विभिन्न जलवायु क्षेत्रों और उच्च तापमान की समस्या से निपटने में कारगर साबित होगा. आईएसईईआर एयर कंडीशनरों की ऊर्जा दक्षता को मापता है, जो भारतीय मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर 24 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर 43 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच के बाह्य तापमान पर प्रदर्शन के भारांक औसत पर आधारित होगा.
...यूं दी जाती है रेटिंग
भारतीय मौसम आंकड़ा पुस्तिका 2014 के मुताबिक 54 प्रमुख शहरों के विवरण से यह पता चलता है कि किसी भी वर्ष में कुल मिलाकर जितने घंटे होते हैं, उनमें से 65 फीसदी घंटों के दौरान तापमान 24 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा रहता है (8760 घंटों में से 5778 घंटे). भारत में एयर कंडीशनरों का परीक्षण अब तक 35 डिग्री सेंटीग्रेड के बाह्य तापमान वाली मानक परिचालन स्थितियों में आईएस 1391 के तहत होता रहा है. उपर्युक्त मानक पर परीक्षण के बाद एसी निर्माताओं द्वारा परीक्षण के जो नतीजे मुहैया कराए जाते हैं, उसी के आधार पर निर्माताओं को स्टार रेटिंग प्रदान की जाती है.
नई रेटिंग से उपकरणों की ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी
आईएसईईआर का उल्लेख करते हुए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के सचिव संजय सेठ ने कहा कि नई रेटिंग कार्यप्रणाली से उपकरणों की ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और ऊर्जा की खपत घटेगी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बदलते तापमान को ध्यान में रखते हुए ये मानक विकसित किए गए हैं. इस तरह के अभिनव कदमों से हमें अपने उद्देश्य की पूर्ति जल्द करने में मदद मिलेगी.
परिवर्तनशील गति (इनवर्टर) वाले एयर कंडीशनरों के लिए आईएसईईआर पर आधारित रेटिंग को जून 2015 से ही स्वैच्छिक आधार पर अपनाया जा रहा है और जनवरी, 2018 से लागू होने वाली अनिवार्य व्यवस्था में निश्चित गति वाले एयर कंडीशनरों के साथ इसका विलय करने का प्रस्ताव है. कुछ प्रमुख निर्माताओं ने इनवर्टर एयर कंडीशनरों के लिए इस रेटिंग को पहले ही अपना लिया है.
लव रघुवंशी / अशोक सिंघल