MP: राजस्थान में समर्थन के बाद, क्या महागठबंधन का हिस्सा होंगी सपा-बसपा?

तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत से उत्साहित विपक्ष को लग रहा है कि मोदी और शाह की जोड़ी अजेय नहीं है. सपा-बसपा ने कांग्रेस को समर्थन भी दे दिया है. लेकिन महागठबंधन में दोनों शामिल होंगी या नहीं यह सवाल कायम है.

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अखिलेश यादव, राहुल गांधी और मायावती अखिलेश यादव, राहुल गांधी और मायावती

सुप्रिया भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST

मध्य प्रदेश में बसपा व सपा ने और राजस्थान में बसपा ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद कई सवाल उठने लगे हैं. क्या दोनों पार्टियां राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करेंगी? क्या 2019 के चुनाव के लिए सपा और बसपा महागठबंधन का हिस्सा होंगी?

राहुल गांधी कह रहे हैं कि पूरा विपक्ष एकजुट है. शरद पवार कह रहे हैं कि सपा-बसपा को महागठबंधन का हिस्सा होना चाहिए. लेकिन अखिलेश कह रहे हैं कि वो अभी आकलन कर रहे हैं. मायावती कह रही हैं कि उन्होंने समर्थन तो दे दिया है, लेकिन कांग्रेस की राजनीति और नीतियों से उनका मतभेद बना हुआ है.  

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हिंदी पट्टी के आए नतीजों ने महागठबंधन की राह तय कर दी है. अब यह देखना है कि विपक्ष से कौन आता है जो मोदी का मुकाबला कर पाए. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत के बाद समर्थन के ऐलान से कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी और बीएसपी के रिश्ते की बर्फ पिघलती दिख रही है. अगर ऐसा नहीं होता तो मायावती और अखिलेश ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा नहीं की होती.

इस परिणाम ने विपक्षी पार्टियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं. हालांकि कौन कितना साथ आएगा, यह अभी देखने वाली बात होगी. महागठबंधन पर अखिलेश यादव का कहना है ' फिलहाल मैं देख रहा हूं कि हमारी पार्टी कितनी मजबूत है और बूथ लेवल पर हमारी तैयारी कैसी है. समाजवादी पार्टी ने हमेशा सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ काम किया है. हमारा लक्ष्य है कि पूरे देश में सौहार्द का वातावरण बने.'

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समाजवादी पार्टी के मुखिया ने इसके पहले ट्वीट किया था कि 'मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में समाजवादी पार्टी कांग्रेस का समर्थन करेगी'.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वह बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए समर्थन दे रही हैं, लेकिन कांग्रेस की राजनीति और विचारों से उनके गंभीर मतभेद हैं.  बसपा ने न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि राजस्थान में भी कांग्रेस को समर्थन दिया है. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने मायावती के समर्थन का स्वागत किया है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि विपक्ष संगठित है और सभी लोग मिलकर 2019 लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.

इसके बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि बसपा और सपा को महागठबंधन का हिस्सा होना चाहिए. पवार ने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से परिवर्तन की शुरूआत हो गई है. पवार ने कहा कि परिणाम यह बता रहे हैं कि हिंदी पट्टी ने मोदी की नीतियों को अस्वीकार कर दिया है. पवार ने कहा कि बीजेपी का विकल्प तैयार करने में कांग्रेस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

बीजेपी की तरफ से राहुल गांधी की लगातार आलोचना करने के बारे में शरद पवार ने कहा कि बीजेपी नेता जिस तरह से राहुल गांधी का उपहास कर रहे थे  वह पब्लिक को अच्छा नहीं लगा. पवार ने आगे यह भी कहा कि परिणाम यह भी बता रहे हैं कि राहुल गांधी को जनता ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर लिया है.

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तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ये परिणाम मोदी सरकार के अंत की शुरुआत हैं. सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया- ' इस परिणाम ने इस मिथक को तोड़ दिया है मोदी अमित शाह को हराया नहीं जा सकता'

येचुरी ने आगे ट्वीट किया कि नैतिक बढ़त के साथ ही, यह विपक्ष के लिए एक सबक है, पब्लिक नीतियों में बदलाव चाहती है. विपक्ष के लोगों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए. हमेशा पब्लिक से जुड़ी कुछ वैकल्पिक नीतियों की बात की जानी चाहिए.

जेडीयू नेता नीतीश कुमार की इस बात पर कि मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया-  'एनडीए से जुड़ने के बाद नीतीश कुमार कह रहे हैं कि मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं है. मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि क्या है आपका बयान, आप क्या सोचते हैं, आप वही चाचा जी हैं न?

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