अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत को लेकर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि अगर कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है तो प्रधानमंत्री मोदी को ट्रंप से बातचीत करने की क्या जरूरत थी और क्यों वह इस बारे में अमेरिका से शिकायत कर रहे हैं. पीएम मोदी और ट्रंप के बीच सोमवार को फोन पर करीब आधे घंटे बातचीत हुई थी जिसमें क्षेत्रीय मुद्दों समेत व्यापार और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा की गई.
पीएम मोदी की इस बातचीत से ओवैसी काफी नाराज दिखे और उन्होंने कहा कि हम शुरुआत से कह रहे हैं कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और इस बारे में भारत का रुख काफी पहले से साफ है. बावजूद इसके पीएम मोदी को ट्रंप से बातचीत करने की क्या जरूरत थी और क्यों वह इस बारे में शिकायत कर रहे हैं.
ट्रंप से क्या बोले मोदी?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर हुई बातचीत में पीएम मोदी ने क्षेत्रीय शांति पर चर्चा की साथ ही उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि 'कुछ नेताओं की ओर से' भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है. पीएम मोदी का इशारा साफ तौर पर पाकिस्तान की ओर था क्योंकि कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पड़ोसी देश बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लेकर वहां के तमाम मंत्री और नेता भारत के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातचीत में आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल बनाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. पाकिस्तान कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती के बाद से सीमा पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है तो इसके जवाब में भारतीय सेना की ओर से भी बॉर्डर पर कार्रवाई की जा रही है.
दशकों से रुख पर कायम
भारत सरकार आज से नहीं बल्कि दशकों से कश्मीर पर अपने रुख पर कायम है. पूर्व की सरकारों से लेकर मौजूदा मोदी सरकार भी तमाम वैश्विक मंचों से यह साफ कर चुकी है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा. साथ ही भारत का कहना है कि आतंकवाद पर लगाम लगाए बगैर पाकिस्तान के साथ किसी तरह की बातचीत संभव नहीं है. इसके उलट पाकिस्तान द्विपक्षीय बातचीत में कश्मीर को तीसरे पक्ष के रूप में शामिल करना चाहता है जिसपर भारत को सख्त एतराज है.
कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से भी प्रस्ताव दिया गया था लेकिन भारत सरकार ने संसद से उस प्रस्ताव को खारिज करते हुए अपना पक्ष साफ कर दिया है. अब पाकिस्तान दुनिया के कई देशों के सामने कश्मीर के मुद्दे को उठा चुका है लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी है.
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