चैरिटी के लिए नहीं फायदे के लिए निवेश करते हैं लोग: जेटली

जेटली ने कहा कि अगर हमारे यहां निवेशकों को फायदा नहीं होगा तो वह कहीं दूसरे देश में जाकर निवेश करेगा. इसलिए हर निवेशक पहले यह देखता है कि निवेश करने से उसे फायदा हो लाभांश मिले. अगर उसको अच्छा लाभांश मिलेगा तभी वह भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित होगा वरना कहीं और दूसरे देश में निवेश करेगा.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली

प्रियंका झा / अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर निवेश करता है चाहे वह घरेलू स्तर पर हो या विदेशी स्तर पर हो वह फायदे के लिए ही निवेश करता है न कि किसी चैरिटी के लिए.

जेटली ने कहा कि अगर हमारे यहां निवेशकों को फायदा नहीं होगा तो वह कहीं दूसरे देश में जाकर निवेश करेगा. इसलिए हर निवेशक पहले यह देखता है कि निवेश करने से उसे फायदा हो लाभांश मिले. अगर उसको अच्छा लाभांश मिलेगा तभी वह भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित होगा वरना कहीं और दूसरे देश में निवेश करेगा.

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एफडीआई के सवाल पर दिया जवाब
लोक सभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान वित्त मंत्री से विदेशों से FDI के बदले लाभांश और अन्य पूंजीगत लाभों के रूप में विदेशी निवेशकों को दी जाने वाली राशि के बारे एक सवाल पूछा गया था. जिस पर जेटली ने कहा कि लोग फायदे के लिए ही निवेश करते हैं. जेटली ने कहा कि निजी क्षेत्र हमारे यहां कुछ दवाब में रहा है. जिसके कारण घरेलू निवेश कम हुआ है. मगर विदेशी निवेश तभी होगा जब उस निवेशक को फायदा या लाभ मिलेगा सरकारी निवेश सरकारी धन या विदेशी स्रोत से होता है लेकिन अगर विदेशी निवेशकों को लाभ नहीं होगा तो वह निवेश नहीं करेगा.

कुछ और क्षेत्रों में आएगा एफडीआई
वित्त मंत्री ने एफडीआई के बारे में विस्तार से बताया कि कुछ और क्षेत्रों को इसके लिए खोला जाना है. एफडीआई को भारत में आकर्षित करने के लिए कुछ शर्तें होती हैं जिन पर काम चल रहा है. वित्त मंत्री का दावा है कि पिछले 2 सालों में एफडीआई में 33% की वृद्धि हुई है. जो सबसे अधिक है. जेटली ने इस वृद्धि को सरकार द्वारा उठाए गए अच्छे कदमों का नतीजा बताया.

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