नागालैंड में सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम अफस्पा (AFSPA) को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह अगले साल जून तक प्रभावी रहेगा. गृह मंत्रालय ने AFSPA की धारा 3 के तहत नागालैंड में अशांत और खतरनाक स्थिति बताते हुए सुरक्षा को ध्यान में रहते हुए इसको बढ़ाने का फैसला किया.
माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) के खिलाफ जारी देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और पूर्वोत्तर राज्यों में हुई हिंसा भी अफस्पा की अवधि बढ़ाने की एक बड़ी वजह है.
दरअसल आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट नगालैंड में कई दशकों से लागू है. सन 1958 में संसद ने 'अफस्पा ' यानी आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट लागू किया था. इसे अशांति वाले इलाकों में लागू किया जाता है.
अफस्पा एक्ट के तहत सैन्य बल किसी भी संदिग्ध को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकता है, किसी भी घर या वाहन की तलाशी ले सकता है.
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बना था AFSPA
इस कानून को खासतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बनाया गया था. नगालैंड में लगातार अफ्सपा लागू रखने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि लूट और अपराधों की वारदातें कम होने का नाम नहीं ले रहीं थीं. अब नागरिकता कानून को लेकर जारी उग्र विरोध प्रदर्शनों को भी अफस्पा बढ़ने की वजह मानी जा रही है.
जितेंद्र बहादुर सिंह