पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला को लेकर सरकार के लिए राहत भरी खबर है. देश से भागकर एंटिगुआ में रहा मेहुल चोकसी जल्द भारत लाया जा सकता है. एंटिगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा है कि वह जल्द ही चोकसी की नागरिकता रद्द करने वाले हैं.

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पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी (फाइल फोटो) पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2019,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

पंजाब नेशनल बैंक घोटाला के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. 13000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का खुलासा होने के बाद आरोपी मेहुल चोकसी भारत छोड़कर एंटिगुआ भाग गया था. चोकसी ने वहां की नागरिकता ले रखी थी. भारत सरकार लगातार उसे भारत लाने का प्रयास कर रही थी.

ऐसे में खबर आई है कि एंटिगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा है कि वह जल्द ही मेहुल की नागरिकता को रद्द करेंगे. अगर एंटिगुआ में मेहुल की नागरिकता रद्द होती है तो भारत सरकार प्रत्यार्पण की प्रक्रिया शुरू करेगी. हालांकि भारत सरकार को अभी तक इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है.

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कब और कैसे हुआ पीएनबी घोटाला

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का खुलासा 2018 में हुआ. यह घोटाला करीब 13000 करोड़ का है. इस घोटाले का मास्टरमाइंड हीरा कारोबारी नीरव मोदी था. घोटाले का खुलासा होने के बाद नीरव मोदी पूरे परिवार के साथ देश से फरार हो गया. साथ ही घोटाले का सह-आरोपी मेहुल चोकसी भी देश से भागने में सफल रहा. इसके बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और सवाल उठाए की नीरव और चोकसी कैसे फरार हो गए.

पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दे दिया. इस अंडरटेकिंग के आधार पर नीरव ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों से पैसे निकाले. यह पूरा खेल 2011 से ही शुरू हो गया था. जिसका खुलासा बाद में हुआ. पीएनबी ने 28 जनवरी 2018 को नीरव मोदी की कंपनियों पर मामला दर्ज कराया. इन कंपनियों में नीरव मोदी, निश्चल मोदी और मेहुल चोकसी पार्टन था. इन्होंने मिलकर सारे पैस कांगकांग ट्रांसफर कर दिए.

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जब मेहुल चोकसी ने कोर्ट में की अपील

पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी का केस मुंबई हाईकोर्ट में चल रहा है. ऐसे में चोकसी ने कोर्ट में एक याचिका दायर की. उसने कोर्ट में अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए पेशी से छूट की मांग की. याचिका में चोकसी ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार है. उसे दिल की बीमारी है. इसके अलावा पैरों में दर्द और दिमाग में खून का थक्का जमा है. हाईकोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी पेपर्स मुंबई के जेजे हॉस्पिटल को भेजें.

हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती

अदालत ने कहा है कि अस्पताल के मुख्य कॉर्डियोलॉजिस्ट रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद अदालत को बताएंगे कि वह भारत की यात्रा करने के लिए फिट है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर यह भी बताएंगे कि मेहुल को एंटीगुआ से भारत लाने के लिए क्या एयर एंबुलेन्स भेजी जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होनी है. वहीं कोर्ट ने टीम से 9 जुलाई को रिपोर्ट देने के लिए कहा था.

भारत आने में असमर्थता जताने पर अदालत ने यह रुख अपनाया था. चोकसी ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए भारत आने में असमर्थता जताई थी. मेहुल ने मामले की जांच में सहयोग की मंशा जताते हुए यह भी कहा था कि जांच एजेंसियां चाहें तो वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए पूछताछ कर सकती हैं.

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मेहुल ने एंटीगुआ पहुंचकर भी पूछताछ का विकल्प दिया था. इसके बाद के ताजा घटना क्रम में अब एंटिगुआ में उसकी नागरिकता खत्म हो सकती है. ऐसे में देखना होगा कि अगली सुनवाई में कोर्ट का क्या रूख रहता है.

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