गौरी लंकेश की हत्या के बाद उठी मांग- पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने कानून

अंशु छत्रपति ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि गौरी लंकेश की हत्या की खबर सुनकर उन्हें वह तारीख याद आ गई जब उनके पिता की बड़ी बेरहमी से गोलियों से हत्या कर दी गई थी और जिसके बाद पूरा शहर उनके साथ खड़ा हो गया था.

Advertisement
अंशुल छत्रपति अंशुल छत्रपति

आशुतोष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST

बेंगलुरू में मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद सिर्फ पत्रकार ही नहीं बल्कि सिविल सोसायटी में भी गुस्सा है. देश के अलग-अलग शहरों में बुद्धिजीवी वर्ग एक पत्रकार की हत्या के खिलाफ आवाज उठा कर कड़ी निंदा कर रहा है.

सिरसा में बाबा राम रहीम के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने गौरी लंकेश की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है. गौरतलब है कि अंशुल छत्रपति के पिता रामचंद्र छत्रपति की दिनदहाड़े सिरसा में हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप बाबा राम रहीम के करीबी समर्थकों पर लगा है और जिसका मामला अदालत में चल रहा है.

Advertisement

अंशुल छत्रपति ने गौरी लंकेश की हत्या को निंदनीय करार देते हुए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की. छत्रपति ने यह भी कहा कि कोई भी ताकत सच की आवाज को दबा नहीं सकता.

अंशु छत्रपति ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि गौरी लंकेश की हत्या की खबर सुनकर उन्हें वह तारीख याद आ गई जब उनके पिता की बड़ी बेरहमी से गोलियों से हत्या कर दी गई थी और जिसके बाद पूरा शहर उनके साथ खड़ा हो गया था.

अंशुल ने कहा कि गौरी लंकेश सच के साथ अपना कर्तव्य निभा रही थीं जो किसी भी पत्रकार का धर्म है. ऐसे में वह लोग जो उनकी आवाज दबाना चाहते थे उन्होंने गौरी की हत्या कर दी.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement