3 राजधानी के फॉर्मूले पर जगन कैबिनेट आज लगा सकती है मुहर, अमरावती में धारा-144

आंध्र प्रदेश सरकार की आज कैबिनेट बैठक है. इस बैठक में तीन राजधानी के फॉर्मूले पर मुहर लग सकती है. जगन मोहन सरकार के इस फॉर्मूले का अमरावती में जमकर विरोध हो रहा है.

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मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (फाइल फोटो-आईएएनएस) मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (फाइल फोटो-आईएएनएस)

आशीष पांडेय

  • अमरावती,
  • 27 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

  • आंध्र प्रदेश सरकार की विशाखापट्टनम में कैबिनेट बैठक
  • तीन राजधानी के फॉर्मूले पर सरकार लगा सकती है मुहर

आंध्र प्रदेश सरकार की आज कैबिनेट बैठक है. इस बैठक में तीन राजधानी के फॉर्मूले पर मुहर लग सकती है. जगन मोहन सरकार के इस फॉर्मूले का अमरावती में जमकर विरोध हो रहा है.

तीन राजधानी के मुद्दे पर किसान से लेकर विपक्ष तक सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन को देखते हुए अमरावती में धारा-144 लगा दी गई है और किसी भी विरोध प्रदर्शन या आंदोलन की इजाजत नहीं दी गई. इसके साथ ही अमरावती में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. आंध्र प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक आज विशाखापट्टनम में होनी है.

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वहीं आंध्र प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक से पहले कई टीडीपी नेताओं को हिरासत में भी ले लिया गया है तो वहीं कुछ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. इसको लेकर भी विपक्षी पार्टी आवाज उठा रही है.

क्या है मामला?

आंध्र प्रदेश में अब तीन राजधानियां हो सकती हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा में इसकी ओर इशारा किया था. आंध्र प्रदेश की राजधानियों में अब करनूल, विशाखापट्टनम और अमरावती शामिल करने की बात सीएम ने की. इसके तहत राज्य की अलग-अलग राजधानियों से सरकार, विधानसभा और न्याय प्रक्रिया चलेगी.

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा में आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां बनाने की बात की. फिलहाल तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की ज्वाइंट राजधानी हैदराबाद के तौर पर देखी जा रही है लेकिन अब करनूल, विशाखापट्टनम और अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी के तौर पर पहचाना जा सकता है.

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तीन अलग-अलग शहरों में काम

एग्जीक्यूटिव, ज्यूडिशियल और लेजिस्लेटिव सेक्टर से जुड़े काम इन तीन अलग-अलग शहरों में होंगे. विशाखापट्टनम के एग्जीक्यूटिव राजधानी होने के साथ ही यहां सचिवालय होगा. महत्वपूर्ण विभाग के कार्यालय भी यहां होंगे. करनूल को ज्यूडिशियल कैपिटल के तौर पर पहचान मिलने के साथ ही यहां हाईकोर्ट होगा. इसके अलावा अमरावती को लेजिस्लेटिव कैपिटल के तौर पर जाना जाएगा, जिसके तहत यहां विधानसभा होगी.

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