AMU को UGC की सलाह, एक साथ पढ़ें शिया-सुन्नी, एक साथ बैठें लड़के-लड़कियां

यूजीसी की समिति ने केंद्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में तर्क दिया है कि अलग-अलग पढ़ाई करने की वजह से छात्र प्रोफेशनल कोर्स से लेकर नौकरी के दौरान अपनी झिझक कभी दूर नहीं कर पाते हैं और इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है.

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह / आशुतोष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

यूजीसी की एक समिति ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन स्नातक की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के क्लासरूम में अलग-अलग बैठने पर आपत्ति जताई है. UGC की समिति ने केन्द्र की मोदी सरकार से सिफारिश की है कि एएमयू में तत्काल प्रभाव से को-एड व्यवस्था से पढ़ाई शुरू कराई जाए. आपको बता दें कि एएमयू के विभिन्न मामलों की जांच के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एक समिति गठित की थी. इसी समिति ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है.

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यूजीसी की समिति ने केन्द्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के दौरान अलग-अलग बैठने की व्यवस्था को गलत बताते हुए तर्क दिया है कि इस व्यवस्था के चलते छात्र प्रोफेशनल कोर्स और फिर पढ़ाई के बाद नौकरी के दौरान भी अपनी झिझक दूर नहीं कर पाते. जिस वजह से उन्हें कई बार इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है.

यूजीसी की समिति ने केंद्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में तर्क दिया है कि अलग-अलग पढ़ाई करने की वजह से छात्र प्रोफेशनल कोर्स से लेकर नौकरी के दौरान अपनी झिझक कभी दूर नहीं कर पाते हैं और इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है.

यूजीसी की समिति ने शिया और सुन्नी के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट पर भी आपत्ति दर्ज कराई है. समिति में शामिल विशेषज्ञों का मानना है कि जब शिया और सुन्नी दोनों एक ही धर्म पर आधारित पढ़ाई करवाते हैं तो फिर दो अलग-अलग डिपार्टमेंट क्यों? समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों विभागों को मर्ज कर देने की सलाह दी है.

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इसके अलावा समिति ने यह भी सलाह दी है कि विश्वविद्यालय में स्नातक के कोर्सों के लिए दाखिले इंजीनियरिंग और मेडिकल के तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा से होने चाहिए. समिति ने परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र, परीक्षा और रिजल्ट आदि का सेटअप तैयार करने की सलाह दी है. समिति का कहना है कि एएमयू की प्रवेश परीक्षा की मेरिट का इस्तेमाल अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी किया जा सकता है.

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