अमरनाथ यात्रा के पहले दिन मौसम बिगड़ा, बेसकैंप में रुके बाबा बर्फानी के भक्त

खराब मौसम के चलते फिलहाल हेलिकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सके हैं. आज यात्रा के पहले दिन पहलगाम और बालटाल बेसकैंप से यात्रियों का पहला जत्था रवाना किया जाना था. बेस कैंप में मौजूद बाबा के भक्त मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं.

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अमरनाथ यात्रा के पहले दिन पवित्र गुफा के पास मौसम बिगड़ गया है. अमरनाथ यात्रा के पहले दिन पवित्र गुफा के पास मौसम बिगड़ गया है.

राहुल विश्वकर्मा / अशरफ वानी

  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2018,
  • अपडेटेड 8:50 AM IST

अमरनाथ यात्रा के पहले दिन भारी बारिश की वजह से आज बेसकैंप से यात्रियों को रवाना नहीं किया जा सका. राज्यपाल एनएन वोहरा आज बाबा बर्फानी की पूजा-अर्चना कर यात्रा की विधिवत शुरुआत करेंगे. पवित्र गुफा के पास मौसम बिगड़ने के चलते यात्रियों को आज बेस कैंप में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं. कई जगह ऊपरी इलाकों में बर्फ भी गिर रही है.

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खराब मौसम के चलते फिलहाल हेलिकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सके हैं. आज यात्रा के पहले दिन पहलगाम और बालटाल बेसकैंप से यात्रियों का पहला जत्था रवाना किया जाना था. बेस कैंप में मौजूद बाबा के भक्त मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं.

इससे पहले अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था कड़े सुरक्षा घेरे में बुधवार सुबह जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ. यात्रियों का ये पहला जत्था कश्मीर के दो आधार शिविरों बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना हुआ है. इस जत्थे में कुल 1904 श्रद्धालु हैं, जिनमें 1554 पुरुष, 320 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं. इस बार आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम काफी कड़े किए हुए हैं.

जम्मू से रवाना यात्री शाम तक कश्मीर के गांदरबाल स्थित बालटाल और अनंतनाग स्थित नुनवन, पहलगाम आधार शिविर पहुंच गए थे. बाबा के भक्त आज पैदल ही 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा के लिए रवाना होंगे. यात्रा रक्षा बंधन के दिन 26 अगस्त को संपन्न होगी.

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बुधवार की सुबह जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, राज्यपाल के दो सलाहकार विजय कुमार और बीबी व्यास ने अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे को हरी झंडी दी और जम्मू बेस कैंप से यात्रा के लिए रवाना किया.

इस बार जबरदस्त है सुरक्षा

पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान हमला किया गया था, जिसके कारण इस बार सुरक्षा काफी बढ़ाई गई है. नए सुरक्षा नियमों के मुताबिक जो भी यात्री अमरनाथ यात्रा के दर्शन के लिए आ रहे हैं उनको अपनी गाड़ियों पर खास तरीके के आरएफआईडी टैग लगाने होते हैं.

जब भी यात्री अपनी गाड़ियों के साथ या फिर काफिले में अमरनाथ यात्रा के लिए निकलते हैं तो रास्ते में सिक्योरिटीफोर्स कैंप के बाहर लगे आरएफआईडी रिसीवर के जरिये ये पता चल जाता है कि काफिले में कितनी गाड़ियां हैं और कोई गाड़ी यात्रा से अलग रास्ते पर तो नहीं निकल गई है. सिक्योरिटी फोर्सज के कैंप के अंदर  कंट्रोल रूम बनाए गये हैं जिसके जरिये काफिले पर नज़र रखी जाती है.

सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक और गाड़ियों का इस्तेमाल

जम्मू कश्मीर के आईजी (CRPF) ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर बात करते हुए कहा कि हमने सुरक्षा के सारे इंतजाम पूरे कर लिए हैं. हम आधुनिक तकनीक और गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, साथ ही पिछले साल के मुकाबले इस साल सुरक्षा बढ़ाई गई है. हम किसी भी प्रकार के हमले के लिए तैयार हैं. वहीं, पहले जत्थे के यात्रियों ने कहा कि वो इस यात्रा को लेकर बेहद खुश हैं, उन्हें किसी प्रकार का डर नहीं है. (फोटो - जितेंद्र बहादुर सिंह)

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बता दें कि अभी तक देशभर से 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है. अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं में साधु भी शामिल हैं. श्रद्धालुओं का देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचना शुरू हो गया है.

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