चंडीगढ़ रेप पर फूटा अलका का गुस्सा, कहा- बेटी को पुरुष के लिंग पर हमला करना सिखाएं

अलका ने कहा कि आज आज़ादी मनाने स्कूल गई हमारी बेटी किसी की हवस का शिकार हो गई. आखिर बेटी कैसे बचायें. 6 महीनों में सुनवाई पूरी हो, जुर्म साबित होते ही हैवान का लिंग काट कर हमेशा के लिये जेल में सड़ने के लिए छोड़ देना चाहिए. हर पिता को अपनी बेटी को तेज धारदार हथियार देने और चलाने सिखाने चाहिए, बचाव में क़त्ल भी हो जाता है तो क़ानून के मुताबिक वह क़त्ल नहीं माना जायेगा.

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फेसबुक पर जाहिर किया अपना गुस्सा फेसबुक पर जाहिर किया अपना गुस्सा

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

चंडीगढ़ में एक नाबालिग से स्वतंत्रता दिवस के दिन रेप के मामले पर आम आदमी पार्टी की नेता अलका लांबा ने जो बयान दिया है, उस पर विवाद हो सकता है. दरअसल, फेसबुक पोस्ट पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अलका ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस मानकर घर लौट रही बच्ची को हवस का शिकार बनाया गया. उन्होंने कहा कि अपनी बच्चियों का धारदार हथियार दीजिए ताकि वह हमला करने वाले पुरुष के लिंग पर हमला कर सकें.

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अलका ने कहा कि आज आज़ादी मनाने स्कूल गई हमारी बेटी को हवस का शिकार बनाया गया. आखिर बेटी कैसे बचायें. 6 महीनों में सुनवाई पूरी हो, जुर्म साबित होते ही हैवान का लिंग काट कर हमेशा के लिये जेल में सड़ने के लिए छोड़ देना चाहिए. हर पिता को अपनी बेटी को तेज धारदार हथियार देने और चलाने सिखाने चाहिए, बचाव में क़त्ल भी हो जाता है तो क़ानून के मुताबिक वह क़त्ल नहीं माना जायेगा, सुरक्षित और जिन्दा रहने के लिए अब यह सब करना जरुरी है.

मामले पर अपना पक्ष रखते हुए अलका लांबा ने कहा कि लगातार बच्चियों को नोंचा जा रहा है, कानून की कमी नहीं है, निर्भया से लेकर दूसरी सरकार आ गई लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं आया. उन्होंने कहा कि मतलब साफ है कि कानून नाकाफी है, व्यवस्था निकम्मी और नपुंसक हो चुकी है. हर पिता को अपनी बेटी की हिफाजत के लिए धारदार हथियार देकर, उस हथियार को चलाने की ट्रेनिंग दे. अगर कोई गलत हरकत करने की कोशिश करे तो पुरूष के लिंग पर हमला करना सिखाए.

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दिल्ली में AAP विधायक अलका कहा कि कानून अपना काम नहीं कर रहा है. वर्णिका के साथ क्या हुआ, अगर मीडिया और समाज का दवाब नहीं होता तो सभी लोग मामले को भूल जाते. महिला सुरक्षा को लेकर विधानसभा में चर्चा भी कर चुके हैं. कानून बनाते हैं तो केंद्र उन्हें वापस कर देता है. अपनी बेटियों से क्या माफी मांग लें. उन्होंने कहा कि अगर बड़े-बड़े अपराधी पिस्टल का लाइसेंस रख सकते हैं तो एक बेटी को लाइसेंस देकर हथियार रखने की इजाजत क्यों नहीं दी जा सकती.

 

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