कौन हैं अजीत पाई और केश पटेल जो डोनाल्ड ट्रंप के साथ आए हैं भारत

पाई की मां बेंगलुरु में जबकि उनके पिता हैदराबाद में पले-बढ़े. शादी के तुरंत बाद 1971 में दोनों अमेरिका आ गए. उस वक्त उनके पास महज 8 डॉलर और साथ में एक ट्रांजिस्टर रेडियो था. हालांकि उनके अंदर एक बड़ा विश्वास यह था कि अमेरिका में वे अपने सपने को एक न दिन जरूर पूरा करेंगे.

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दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (PTI) दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

  • फेडरल कम्यूनिकेशंस कमिशन के अध्यक्ष हैं अजीत पाई
  • आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ निदेशक हैं केश पटेल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर आ चुके हैं. उनके साथ आने वाले दो भारतीय अमेरिकी अधिकारी फेडरल कम्यूनिकेशंस कमिशन के अध्यक्ष अजीत पाई और आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ निदेशक व ट्रंप के विशेष सहायक केश पटेल शामिल हैं. प्रथम महिला मिलेनिया ट्रंप, उनकी बेटी इवांका ट्रंप और दामाद जारेड कुशनेर भी ट्रंप के साथ भारत पहुंचे हैं. इन सबके बीच अजीत पाई और केश पटेल ऐसे चेहरे हैं जिन पर लोगों की निगाहें लगी हैं.

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अजीत पाई के माता-पिता लगभग 5 दशक पहले अमेरिका में बस गए थे. आज उन्हीं के बेटे अजीत पाई राष्ट्रपति ट्रंप के साथ एयर फोर्स वन (अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान) में सवार होकर भारत पहुंचे हैं. पाई (47) पहले भारतीय अमेरिकी हैं जो फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन के अध्यक्ष हैं. पाई के माता-पिता को शायद भरोसा नहीं था कि उनका बेटा एक दिन ट्रंप के विमान में सवार होकर अपनी धरती पर कदम रखेगा.

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पाई के अलावा एक और भारतीय अमेरिकी हैं जिन्हें ट्रंप के साथ भारत आने का मौका मिला है. इनका नाम केश पटेल है जो आतंकवाद रोधी विभाग के निदेशक हैं. इसके साथ ही केश पटेल राष्ट्रपति ट्रंप के स्पेशल असिस्टेंट भी हैं. पाई ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, अगर मेरे माता-पिता को पता होता कि उनका बेटा एक दिन अमेरिकी सरकार में बड़ा अफसर बनेगा और एक दिन उस देश का दौरा करेगा जहां वह पला-बढ़ा, तो आप सोच सकते हैं कि उन्हें कितनी हैरत होती.  

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पाई ने कहा कि भारत दौरे के दौरान 5जी और डिजिटल डिवाइड जैसे मुद्दों पर खास चर्चा होगी. उन्होंने कहा, दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्राचीन लोकतंत्र के बीच दोस्ती बढ़ाने पर हमारा पूरा ध्यान है. पाई इस दौरे को सिर्फ पेशेवर ढंग से नहीं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर भी देख रहे हैं. पाई की मां बेंगलुरु में जबकि उनके पिता हैदराबाद में पले-बढ़े. शादी के तुरंत बाद 1971 में दोनों अमेरिका आ गए.

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उस वक्त उनके पास महज 8 डॉलर और साथ में एक ट्रांजिस्टर रेडिया था. हालांकि उनके अंदर एक बड़ा विश्वास यह था कि अमेरिका में वे अपने सपने को एक न दिन जरूर पूरा करेंगे. पाई ने अपने माता-पिता के योगदान के बारे में कहा, अन्य प्रवासियों की तरह मेरे माता-पिता ने भी मुझे कई अवसर दिए, ऐसे अवसर जो उन्हें भी नसीब नहीं थे. दूसरी ओर मेरे दादा-दादी ने हमें कड़ी मेहनत करने और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया.

राष्ट्रपति के साथ कौन आया भारत

ट्रंप के कैबिनेट के दो सदस्य कॉमर्स सेक्रेटरी विल्बर रॉस और डैन ब्रोइलेट भी ट्रंप के साथ पहुंचे हैं. ट्रंप की बेटी और दामाद के पास राष्ट्रपति के सहायक और वरिष्ठ सलाहकार की आधिकारिक पदवी है और वार्ता और नीति-निर्माण में वे भी शामिल होते हैं. आधिकारिक 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में वे और कैबिनेट अधिकारी सहित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन भी बतौर सदस्य शामिल हैं. हालांकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते का नेतृत्व करने वाले यूएस ट्रेड रीप्रेजेटेटिव रॉबर्ट लाइटलाइजर आगंतुकों की सूची से गायब हैं. आगंतुकों में ब्रोइलेट की उपस्थिति ऊर्जा के महत्व को बता रही है, जो कि द्विपक्षीय वार्ता का सबसे अहम हिस्सा है.

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