एयर इंडिया मिडिल सीट केस: SC में बोले तुषार मेहता- नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि

एयर इंडिया मिडिल सीट केस की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को कहा कि इस केस की जांच एक समिति कर रही है. नागरिकों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है.

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एयर इंडिया मिडिल सीट केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (तस्वीर-PTI) एयर इंडिया मिडिल सीट केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (तस्वीर-PTI)

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2020,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

  • केंद्र और एयर इंडिया की याचिका पर SC में सुनवाई
  • समिति के फैसले का सुप्रीम कोर्ट को है इंतजार

सुप्रीम कोर्ट में एयर इंडिया मिडिल सीट केस पर बुधवार को भी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एक समिति इस मामले की जांच कर रही है. नागरिकों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है. तुषार मेहता के बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें भरोसा है कि समिति सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करेगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम किसी भी तरह का भ्रम बीते सप्ताह पास किए गए अंतरिम आदेश में नहीं करना चाहते है. हमने बीते सप्ताह कहा था कि विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाया. उन्होंने जो कुछ भी किया है, कितना ही बुरा यह हुआ हो, अंतरिम आदेश को 10 दिनों तक जारी रहने दिया जाए.'

दरअसल 25 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कहा था कि एयर इंडिया अगले 10 दिनों तक पूर्ण उड़ानें चला सकती है, क्योंकि बुकिंग पहले ही हो चुकी है, लेकिन मिडिल सीटों के लिए बुकिंग 10 दिन की अवधि के बाद नहीं ली जाएगी.

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हाई कोर्ट को ही करने दें फैसला: SC

हाई कोर्ट को ही इस संबंध में अंतिम फैसला करने दीजिए. दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में तत्काल आदेश की मांग की थी. जबकि यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है. गौरतलब है कि केंद्र और एयर इंडिया ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाई कोर्ट ने मिडिल सीट की बुकिंग न करने का आदेश दिया था.

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क्या था बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश?

दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट ने एयर इंडिया को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बीच की सीटें खाली रखने का निर्देश दिया था. इसके अलावा हाई कोर्ट ने एयर इंडिया को डायरेक्टर ऑफ जनरल सिविल एविएशन के 'सोशल डिस्टेंसिंग' सर्कुलेशन का पालन करने के लिए भी कहा था, जिसके लिए बीच की सीटों को इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर खाली रखने की जरूरत थी. इस मामले पर केंद्र सरकार और एयर इंडिया दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

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