पैरोल पर रिहा हुईं एआईएडीएमके नेता वी के शशिकला चेन्नई में जब पहुंचीं तो समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. उनके इस भव्य स्वागत ने हर किसी को हैरत में डाल दिया. शशिकला को शुक्रवार को 5 दिन की आपात पैरोल पर रिहा किया गया है. शशिकला ने अपने बीमार पति से मिलने के लिए 15 दिन के पैरोल की मांग की थी हालांकि उन्हें 5 दिन की पैरोल ही मिली है.
शुक्रवार को शशिकला के आवास के बाहर समर्थकों की भीड़ जमा हो गई थी. शशिकला ने कार का शीशा नीचे कर अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया. उनकी कार पर समर्थकों ने फूल बरसाए और चिन्नम्मा वाझागा चिन्नम्मा जिंदाबाद के नारे लगाए. शशिकला खुद समर्थकों के स्वागत से हैरान नजर आईं.
शशिकला के भतीजे टी.टी.वी दिनाकरण को उम्मीद थी कि चूंकि शशिकला ने कोई बड़ा अपराध नहीं किया है इसलिए उन्हें आसानी से पैरोल पर रिहा कर दिया जाएगा. लेकिन दिनाकरण की उम्मीद के विपरीत शशिकला को केवल 5 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया. उन्हें पैरोल भी कई कड़ी शर्तों के साथ दी गई है.
आपात पैरोल के दौरान शशिकला को बस उस अस्पताल में जाने की इजाजत होगी जहां उनके पति भर्ती हैं. उसके बाद वह बस अपने निवास पर रहेंगी जैसा कि आवेदन में जिक्र है. उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मिलने की इजाजत नहीं है.
शशिकला का परिवार उनसे 233 दिनों के बाद मिला. इस लंबे इंतजार के बाद शशिकला से मुलाकात से उनके परिजन खुश थे. लेकिन परिजनों को शशिकला पर लगाई गईं इतनी सारी पाबंदियां अखर रही हैं.
शशिकला के एक रिश्तेदार जयनंद दिनाकरण ने कहा, "हम उनसे मिलकर खुश हैं. उनकी पैरोल की अवधि को कम किया जाना दिखाता है कि वह कितने बड़े कद की राजनेता हैं और अब भी उनका कितना प्रभाव है."
टीटीवी दिनाकरण ने कहा, "राज्य प्रशासन पागलपन की हद तक पहुंच गया है. कानून और प्रशासन के नाम पर शशिकला पर तमाम पाबंदियां लगा दी गई हैं. शशिकला की पोएस गार्डेन और जयललिता मेमोरियल तक जाने की इच्छा थी लेकिन उसकी भी इजाजत नहीं दी गई."
प्रज्ञा बाजपेयी