मदुरै: जल्लीकट्टू के दौरान सांड से टकराने के बाद व्यक्ति की मौत

मदुरै के अलंगानल्लूर में आयोजित जल्लीकट्टू के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक की पहचान 26 वर्षीय श्रीधर के रूप में हुई है.

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मृतक श्रीधर मृतक श्रीधर

अक्षया नाथ

  • मदुरै,
  • 17 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST

  • तमिलनाडु में करीब 2500 साल से मनाया जा रहा है जल्लीकट्टू
  • सांड़ को काबू करने का खेल है जल्लीकट्टू, SC लगा चुका है बैन

तमिलनाडु के मदुरै के अलंगानल्लूर में आयोजित जल्लीकट्टू के दौरान शुक्रवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक की पहचान 26 वर्षीय श्रीधर के रूप में हुई है. 15 जनवरी को शुरू हुए जल्लीकट्टू के तहत मौत की यह पहली घटना है. जलीकट्टू में लोग सांड़ के पीछे दौड़ते हैं और उसके हम्प (कुबड़) को पकड़कर उसको काबू में करने की कोशिश करते हैं.

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तमिलनाडु में जलीकट्टू मट्टू एक पारंपरिक कार्यक्रम है, जिसका आयोजन पोंगल के तीसरे दिन किया जाता है. तमिल में मट्टू का मतलब सांड़ से है. पोंगल के तीसरे दिन मवेशियों की पूजा होती है. इसके साथ ही जल्लीकट्टू में सांड़ों का खेल शुरू किया जाता है.

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू करीब 2500 साल से मनाया जा रहा है. इसमें सांड़ों के सींघों में सिक्के या नोट फंसाकर रखे जाते हैं और फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है. फिर खेलने वाले लोग उन सांड़ों को काबू में करने की कोशिश करते हैं. सांड़ों को भड़काने के लिए उनको शराब पिलाई जाती है और उनकी आंखों में मिर्च भी डाली जाती है.

इसके साथ ही सांड़ों के पूंछ को मरोड़ा जाता है, ताकि वो तेज भागने लगे. पशुओं के साथ इसे क्रूरता बताकर सुप्रीम कोर्ट ने इस खेल पर प्रतिबंध लगाया है, जिसके बावजूद तमिलनाडु में लोग इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.

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