गौवंश दमन का एक नया औजारः माकपा

माकपा ने कहा है कि मध्यप्रदेश के गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम को राष्ट्रपति की मंजूरी ने मिलने से मध्यप्रदेश की पुलिस और प्रशासन को दमन और भ्रष्टाचार का एक नया औजार दे दिया है.

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aajtak.in

  • भोपाल,
  • 03 जनवरी 2012,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

माकपा ने कहा है कि मध्यप्रदेश के गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम को राष्ट्रपति की मंजूरी ने मिलने से मध्यप्रदेश की पुलिस और प्रशासन को दमन और भ्रष्टाचार का एक नया औजार दे दिया है.

माकपा के राज्य सचिव बादल सरोज ने जारी एक बयान में कहा कि इस कानून के तहत पुलिस अधिकारी किसी भी स्थान पर छापा मार सकते हैं और किसी को भी गिरफ्तार कर जेल में डाल कर सात वर्ष तक की सजा की मुश्किल में डाल सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि यह कानून उस प्रदेश में लागू किया गया है जहां एक भी प्रयोगशाला ऐसी नहीं है जिसमें यह पता लगाया जा सके कि अवशिष्ट पदार्थ या मांस भैंस का है या गाय का है. उन्होंने कहा कि जाहिर है कि इस विसंगति का फायदा उठाकर नागरिकों के एक हिस्से को निशाना बनाया जायेगा.

बादल सरोज ने कहा कि भारतीय समाज की प्राचीन और ऐतिहासिक सांस्कृतिक परंपराओं का उल्लेख न भी किया जाये तो भी यह कानून उस प्रदेश में लाया जा रहा है जहां गुजरे सालों में सरकारी गरीबी रेखा 44.6 से बढ़कर 48.6 हो गई है, जो खाने-पीने के मामले में दुनिया के सबसे बदतरीन हालत वाले देश इथियोपिया से भी नीचे पहुंचे गया है.

उन्होंने कहा कि ऐसे राज्य में बुनियादी सवालों पर कोई समाधान निकालने के बजाय भाजपा सरकार भावनात्मक मुद्दों को उछालने में लगी हुई है.

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