बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने के लिए शनिवार सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, जहां उनका औपचारिक रूप से स्वागत किया गया. इसके बाद शेख हसीना ने राजघाट का भी दौरा किया और वहां श्रद्धांजलि दी. उन्होंने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात की. इससे पहले शुक्रवार को चार दिवसीय भारत दौरे पर आईं हसीना का दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर पीएम मोदी ने प्रोटोकोल तोड़कर स्वागत किया था.
बांग्लादेश पीएम हसीना की अगवानी करने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जाने के दौरान मोदी ने आम नागरिक की तरह सामान्य ट्रैफिक का इस्तेमाल किया था. दिलचस्प बात यह है कि एयरपोर्ट पहुंचने के दौरान पीएम मोदी के साथ सिर्फ ड्राइवर और एसपीजी ऑफिसर ही मौजूद थे. इतना ही नहीं, वह एक गाड़ी में पहुंचे और उनके साथ काफिला भी नहीं था.
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया कि वह आज बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना के साथ वार्ता करेंगे. इस दौरान दोनों नेता भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को और मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे.
भारत-बांग्लादेश रेल सेवा को मोदी दिखाएंगे हरी झंडी
पीएम मोदी शनिवार को भारत-बांग्लादेश रेल सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे. यह रेल सेवा चार देशों को जोड़ेगी.
इसे भारत की ओर से चीन के आर्थिक गलियारे को जबाव माना जा रहा है. इससे पहले चीन आर्थिक गलियारे में भारत को शामिल करने की पूरी कोशिश कर चुका है. शुक्रवार को भी चीन ने कहा था कि भारत को पड़ोसी देशों के हित में गलियारे की परियोजना से जुड़ना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी करेंगी मुलाकात
बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी. इसके अलावा वह रविवार को अजमेर जाएंगी और सोमवार को भारतीय कारोबारी नेताओं से मुलाकात करेंगी. शनिवार को वह मानेकशॉ सेंटर में आयोजित होने वाले भारतीय सैन्यकर्मियों के सम्मान समारोह में भी हिस्सा लेंगी. इसमें 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राह में शहीद हुए सैन्यकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा.
22 समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर
शेख हसीना के दौरे के समय भारत और बांग्लादेश के बीच असैन्य परमाणु सहयोग और रक्षा सहयोग समेत कम से कम 22द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे पहले दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि शेख हसीना के भारत दौरे से दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाह होंगे. इसके साथ ही दोनों देशों के नेताओं के बीच आपसी सौहर्द और विश्वास मजबूत होगा.
राम कृष्ण