तमिलनाडु में जल्लीकट्टू से पहली मौत, सांड के हमले में 19 साल के लड़के ने गंवाई जान

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन में मारा गया कालीमुत्थु सांड को रोकने वाली जगह के आखिर में खड़ा था. वह इस आयोजन में हिस्सा नहीं ले रहा था और केवल जल्लीकट्टू को देखने के लिए यहां पहुंचा हुआ था. वह तेजी से दौड़ रहे सांड के हमले की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

भारत सिंह

  • मदुरई,
  • 15 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

तमिलनाडु में जलीकट्टू के आयोजन में 19 साल के एक लड़के की मौत हो गई है. मृतक युवा पालामेडू के डिंडिगुल का निवासी था और उसका नाम कालीमुत्थु था.

जानकारी के मुताबिक कालीमुत्थु सांड को रोकने वाली जगह के आखिर में खड़ा था. वह इस आयोजन में हिस्सा नहीं ले रहा था और केवल जल्लीकट्टू को देखने के लिए यहां पहुंचा हुआ था.

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मृतक की तस्वीर

वह तेजी से दौड़ रहे सांड के हमले की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. यह इस सीजन में जल्लीकट्टू के आयोजन में पहली मौत है.

इस हादसे में हुई मौत ने दर्शकों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इस आयोजन में हिस्सा ले रहे लोगों और दर्शकों के बीच दो बैरीकेड की सुरक्षा लेयर थी. इसके बावजूद यह हादसा हो गया.

मदुरई और अवनीपुरम में रविवार को शुरू हुए जल्लीकट्टू के आयोजनों में दर्शकों समेत 79 लोग घायल हो गए थे.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में पशुओं पर होने वाली क्रूरता के तर्क के आधार पर जल्लीकट्टू को बैन कर दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने एक अध्यादेश पारित कर सांडों को काबू करने से जुड़े इस पारंपरिक तमिल खेल की इजाजत दे दी थी, लेकिन ये प्रदर्शनकारी इस पर स्थायी समाधान की मांग को लेकर काफी दिनों तक प्रदर्शन करते रहे थे.

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जल्लीकट्टू पर लगा बैन हटाने को लेकर पिछले साल की शुरुआत में राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था. तमिलनाडु में इस कदम का व्यापक विरोध देखते हुए राज्य सरकार ने इसे जारी रखने के लिए एक कानून बनाया था.

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