कश्मीर में 2016 से अबतक 175 जवान शहीद, 176 संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार

राजनीति के पत्थर हमेशा सेना और सुरक्षाबलों पर ही पड़ते हैं. ऐसा आज नहीं बरसों से हो रहा है. कश्मीर में इसी तरह सुरक्षाबलों के खिलाफ नफरत फैलाई जाती है. लेकिन सुरक्षाबल ना हों तो कश्मीर का क्या हाल होगा. कैसे सुरक्षाबलों के बिना ये लोग कश्मीर को आतंक की फैक्ट्री बना देंगे. इस सवाल का जवाब आंकड़ों में मिल जाता है.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

अजीत तिवारी

  • जम्मू,
  • 30 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

जम्मू-कश्मीर में जो अघोषित युद्ध पाकिस्तान, पाकिस्तान के आतंकवादियों, कश्मीर में बैठे पाकिस्तान के एजेंटों ने छेड़ रखा है, उसमें उनका प्रमुख हथियार और पहला एजेंडा कश्मीर के युवा बनते हैं. वो युवाओं को उकसाते हैं. उन्हें सुरक्षाबलों पर हमला करने के लिए भड़काते हैं. ये बात टेरर फंडिंग मामले में एनआईए द्वारा फाइल की गई चार्जशीट में सामने आई है.

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इसके बावजूद, राजनीति के पत्थर हमेशा सेना और सुरक्षाबलों पर ही पड़ते हैं. ऐसा आज नहीं बरसों से हो रहा है. कश्मीर में इसी तरह सुरक्षाबलों के खिलाफ नफरत फैलाई जाती है. लेकिन सुरक्षाबल ना हों तो कश्मीर का क्या हाल होगा. कैसे सुरक्षाबलों के बिना ये लोग कश्मीर को आतंक की फैक्ट्री बना देंगे. इस सवाल का जवाब आंकड़ों में मिल जाता है.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस साल विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में ये जानकारियां दीं...

> 2017 में जम्मू कश्मीर में कुल 320 हथियार तमाम ऑपरेशन में पकड़े गए हैं.

> इसमें सुरक्षाबलों ने सबसे ज्यादा 213 एके राइफल पकड़ी हैं.

> सुरक्षाबलों ने 2017 में 305 ग्रेनेड, 76 डेटोनेटर, 13 IED पकड़े हैं.

> 2016 में 1358 विस्फोटक डिवाइस और 2017 में 394 विस्फोटक डिवाइस पकड़े गए हैं.

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> 2016 में 10 किलोग्राम और 2017 में 8 किलोग्राम विस्फोटक कश्मीर में पकड़ा गया है.

> 2016 में 79 संदिग्ध आतंकी और 2017 में 97 संदिग्ध आतंकवादी पकड़े गए हैं.

> पिछले तीन साल में कश्मीर में सुरक्षाबलों से 149 हथियार छीने गए.

> इसमें 35 एके राइफल्स, 44 इंसास राइफल्स, 43 SLRs शामिल हैं.

> कश्मीर में अप्रैल 2016 से 2017 मार्च तक पत्थरबाज़ी की 2700 घटनाएं हुई हैं.

> इन हालात में 2016 से लेकर अबतक सुरक्षाबलों के 175 जवान शहीद हो चुके हैं.

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