राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. पायलट ने बुधवार को जयपुर में कहा कि जिस तरह से राज्य में कुछ घटनाएं हुई हैं वे नहीं होनी चाहिए थीं. कानून-व्यवस्था हमारी जिम्मेदारी है. पायलट का इशारा अलवर के बहरोड़ जेलब्रेक कांड की तरफ था. उन्होंने कहा कि अलवर में जिस तरह से जेलब्रेक हुआ या फिर दूसरी जगह पर घटनाएं हुई हैं, यह नहीं होनी चाहिए थीं. हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि हमारी मां-बेटियां सुरक्षित रहें और सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.
सचिन पायलट से जब पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद राज्य में गृह मंत्री की भूमिका में हैं, ऐसे में पार्ट टाइम गृह मंत्री होने की वजह से कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है, तो इस पर उन्होंने कोई कमेंट नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमें कानून-व्यवस्था को और ठीक करने पर ध्यान देना होगा.
पायलट इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साध चुके हैं. अपने जन्मदिन के अवसर पर भी आज तक से बातचीत में पायलट ने कहा था कि मैं उस कुर्सी पर बैठकर क्या करूंगा, अगर मैं लोगों की आंखों के आंसू नहीं पोंछ पा रहा हूं. पहलू खान मामले में भी सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार ने देरी की है और मामले में एसआईटी का गठन पहले हो जाना चाहिए था.
सचिन पायलट के बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह अपने-अपने अनुभव की बात है. पायलट ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि बहुत लोगों को बहुत क्षेत्र में अनुभव होता है और कई तरह की जिम्मेदारियों के साथ अनुभव भी हो जाता है. बता दें सचिन पायलट गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं और ऐसे में कहा जा रहा है कि वहां भी राज्य की स्थिति के बारे में कांग्रेसी अध्यक्ष को अवगत करा सकते हैं.
'व्यावहारिक नहीं नया मोटर व्हीकल एक्ट'
नए मोटर व्हीकल एक्ट पर राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि केंद्र सरकार का मोटर व्हीकल एक्ट व्यावहारिक नहीं है और जो व्यावहारिक नहीं है उस पर पुनर्विचार किए जाने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. पायलट ने कहा कि कानून लोगों की सहूलियत और फायदे के लिए बनने चाहिए न कि उससे परेशानी पैदा हो. जब एक बार गुजरात सरकार ने भी कह दिया है कि जुर्माना ज्यादा है और वह जुर्माना कम करेगी, तब यह बात किसी पार्टी या किसी सरकार की नहीं रह जाती है. यह सभी की बात हो जाती है. लोगों के हित में फायदा क्या है यह सोचना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि इस बारे में पुनर्विचार करें.
उधर, राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने साफ कर दिया है कि नया मोटर व्हीकल एक्ट को हू-ब-हू राजस्थान में लागू नहीं करेंगे. राजस्थान में जुर्माना कम किया जाएगा और जितना गुजरात में कम किया गया है, उससे ज्यादा कम किया जाएगा. जिसकी आमदनी ₹5 हजार है उससे ₹15 हजार और तीस हजार का जुर्माना लेने का कोई मतलब नहीं है. हम जल्दी इस बारे में विचार कर लोगों को राहत देने वाला फैसला करेंगे.
शरत कुमार