पायलट कैसे छुएंगे 30 का आंकड़ा? जयपुर में मौजूद ‘चौकड़ी’ पर हर किसी की नजर

राजस्थान में राजनीति लगातार करवट ले रही है. कांग्रेस के दबाव के बावजूद सचिन पायलट पीछे नहीं हट रहे हैं और लड़ाई जारी है.

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सचिन पायलट पर टिकी निगाहें सचिन पायलट पर टिकी निगाहें

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 16 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

  • सचिन पायलट के दोस्तों पर सभी की नजर
  • अभी अशोक गहलोत गुट के साथ मौजूद

राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच हर किसी की नजरें अब सचिन पायलट पर टिकी हैं. लेकिन सचिन पायलट की कहानी में भी बहुत से किरदार हैं, जो महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. क्योंकि सचिन पायलट कह रहे हैं कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है, जबकि उनके साथ 22 विधायकों के होने की बात है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बाकी के विधायक कहां से आएंगे.

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दअरसल, हरियाणा के मानेसर में सचिन पायलट गुट के विधायक मास्टर भंवरलाल शर्मा ने कहा है कि उनके पास केवल 22 विधायक हैं. इस बीच सचिन पायलट के करीबी दोस्तों की भूमिका पर भी हर किसी की निगाहें हैं, क्योंकि वो अभी अशोक गहलोत गुट में वापस आ चुके हैं.

क्या है सचिन पायलट के नंबर गेम का पूरा गणित?

अब सवाल ये उठता है कि सचिन पायलट के पास 22 विधायक होने के बावजूद 30 का आंकड़ा कैसे पहुंच रहा है. 19 कांग्रेसी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के पास से नोटिस जाने के बाद यह साफ हो गया है कि सचिन पायलट के पास कांग्रेस के इतने ही विधायक हैं. वहीं दूसरी ओर तीन निर्दलीय विधायकों (ओम प्रकाश, सुरेश टांक और खुशवीर सिंह जोजावर) के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो में मुकदमा दर्ज होने के बाद यह भी साफ हो गया है कि तीन निर्दलीय सचिन पायलट के पास हैं. कुल आंकड़ा 22 हो जाता है.

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इसके अलावा कहा जा रहा है कि एक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक का समर्थन सचिन पायलट के साथ है. साथ ही दो भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि अशोक गहलोत ने उन्हें बंधक बना रखा है यानी कुल 25 विधायक हैं.

बाकी पांच लोग कहां से आएंगे?

अब हर किसी की नजरें बाकी पांच विधायकों पर हैं. इधर अशोक गहलोत कह रहे हैं कि उनके पास 109 विधायक हैं और आजतक को मिली जानकारी के अनुसार उनके पास 102 विधायक हैं. तो सवाल उठता है कि ऐसे कौन से 5 विधायक हैं जो सचिन पायलट के करीबी हैं और अशोक गहलोत के गुट में होटल में मौजूद है.

कहा जा रहा है कि सचिन पायलट के सबसे करीबी मित्र दानिश अबरार, प्रशांत बैरवा, रोहित बोहरा और चेतन डूडी भले ही अशोक गहलोत के पास हैं मगर यह सचिन पायलट की तरफ से भेजे गए हैं जहां पर वह पायलट को पल-पल की खबरें दे रहे हैं.

यह इसलिए भी जाहिर किया जा रहा है कि जिस दिन पायलट का ग्रुप राजस्थान से मानेसर के लिए गया था, उस दिन यह तीनों भी गायब हो गए थे मगर 24 घंटे बाद वापस आ गए. तब ये कहा गया कि हम अपने व्यक्तिगत काम से दिल्ली गए हुए थे.

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इसके बाद मुख्यमंत्री निवास में इन तीनों की पेशी हुई, जिसमें दानिश अबरार ने कहा कि मेरा परिवार दिल्ली रहता है, इसलिए मैं दिल्ली गया था. रोहित बोहरा ने कहा कि उनका बिजनेस है इसलिए गए थे और चेतन डूडी ने कहा कि वो व्यक्तिगत काम से दिल्ली में थे.

इन्हीं मे से एक प्रशांत बैरवा ने कहा कि सचिन पायलट अगर कांग्रेस में रहते हैं तो वह हमारे नेता हैं, मगर फिलहाल हम कांग्रेस आलाकमान के फैसले के साथ हैं. ऐसे में अब हर किसी की नजर इनपर है, खुद गहलोत समर्थकों का गुट भी इनके साथ आने से हैरान है.

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