राजस्थान: BJP की कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होंगी वसुंधरा राजे, ये है वजह

हाल ही में सोशल मीडिया पर 'वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान (मंच)' सामने आने के बाद 'सतीश पूनिया समर्थक मोर्चा' भी सामने आया था जिसके बाद सियासी चर्चाएं तेज हो गई थीं. बीजेपी में गुटबाजी की खबरों के बाद कांग्रेस को भी पार्टी पर निशाना साधने का मौका मिल गया था.

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वसुंधरा BJP की कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होंगी.(फाइल फोटो) वसुंधरा BJP की कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होंगी.(फाइल फोटो)

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 24 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST
  • बहू की तबीयत खराब होने के चलते नहीं आ सकेंगी वसुंधरा
  • बीजेपी ने बनाई है 16 नेताओं की कोर कमेटी
  • कई सीनियर नेता कोर कमेटी में हैं शामिल

राजस्थान बीजेपी में चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए पार्टी की तरफ से बुलाई कई कोर कमेटी की बैठक में वसुंधरा राजे शामिल नहीं होंगी. राजस्थान के BJP प्रभारी और महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि वसुंधरा राजे बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी.अरुण सिंह ने कहा कि वसुंधरा राजे की बहू की तबीयत ख़राब है लिहाज़ा उनकी देख रेख के लिए वसुंधरा राजे धौलपुर में ही हैं. अरुण सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी में मतभेद हो सकते है मनभेद नहीं है. हमारी पार्टी में सभी एक हैं.

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दरअसल, बीजेपी में चल रही आंतरिक गुटबाजी को खत्म करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने राजस्थान में 16 नेताओं की कोर कमेटी बनाई है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राज्यसभा सांसद ओम माथुर को भी रखा गया है. रविवार (24 जनवरी, 2021) को कोर कमेटी की पहली बैठक रखी गई थी जिसपर सबकी निगाहें लगी हुई थी. चर्चा इस बात को लेकर थी कि क्या वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया एक साथ एक मंच पर आएंगे. मगर राजस्थान के BJP प्रभारी महासचिव अरुण सिंह ने आख़िरी समय में बताया कि वसुंधरा राजे नहीं आ रही हैं.

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इससे पहले बैठक को लेकर अर्जुन सिंह समेत दूसरे सह प्रभारी शनिवार को जयपुर पहुंच गए थे. जयपुर में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में 24 जनवरी को शाम चार बजे कोर कमेटी की मीटिंग का फैसला लिया गया है.

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गौरतलब है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर 'वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान (मंच)' सामने आने के बाद 'सतीश पूनिया समर्थक मोर्चा' भी सामने आया था, जिसके बाद सियासी चर्चाएं तेज हो गई थीं. बीजेपी में गुटबाजी की खबरों के बाद कांग्रेस को भी पार्टी पर निशाना साधने का मौका मिल गया था. ऐसे में राजस्थान में 90 निकाय के चुनावों के अलावा चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, इसलिए पार्टी चाह रही है कि पार्टी सामूहिक रूप से इन चुनावों को लड़े.

 

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