राजस्थान: SC में याचिका लगाएंगे विधानसभा स्पीकर, बोले- नोटिस भी ना दें तो क्या करें?

राजस्थान का सियासी दंगल अब हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. विधानसभा स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पेटिशन (SLP) दाखिल करने की बात कही है.

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राजस्थान में जारी है सियासी लड़ाई राजस्थान में जारी है सियासी लड़ाई

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 22 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:10 AM IST

  • राजस्थान विधानसभा स्पीकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • MLA को नोटिस देने का अधिकार हमें: स्पीकर

राजस्थान में जारी सियासी घमासान में हर रोज नए मोड़ सामने आ रहे हैं. मंगलवार को हाईकोर्ट ने बागी विधायकों पर कोई एक्शन लेने से रोक लगा दी थी, लेकिन अब बुधवार को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने इसपर सवाल खड़े किए हैं. सीपी जोशी का कहना है कि किसी विधायक को अयोग्य करार देने का हक स्पीकर को है, ऐसे में अदालत उनके कामकाज में दखल नहीं दे सकती है. इस मामले में वो अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.

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बुधवार सुबह सीपी जोशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें उन्होंने कहा, ‘किसी MLA को अयोग्य घोषित करने का अधिकार स्पीकर का है, जबतक निर्णय ना हो जाए उस तबतक कोई इसमें दखल नहीं दे सकता है. हम संसदीय लोकतंत्र का पालन कर रहे हैं.’

स्पीकर बोले कि हम सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स का पालन कर रहे हैं. अभी तो सिर्फ नोटिस भेजा है, कोई फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर स्पीकर नोटिस भी नहीं दे पाएगा, तो फिर करेगा क्या?

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हाईकोर्ट के निर्णय पर उन्होंने कहा कि अगर हम कोई फैसला करते हैं, तो अदालत रिव्यू कर सकती है. हमारी अपील है कि विधानसभा के अध्यक्ष के काम में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने कहा है कि जब तक स्पीकर कोई फैसला नहीं ले, कोर्ट कोई डायरेक्शन नहीं देगा. 1992 में संविधानिक बेंच ने यह तय कर दिया है कि दल-बदल कानून पर स्पीकर ही फैसला लेगा, ऐसे में स्पीकर के निर्णय लेने के बाद रिव्यू का अधिकार हाईकोर्ट के पास है.

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आपको बता दें कि कांग्रेस की अपील पर विधानसभा स्पीकर ने बागी विधायकों को एक नोटिस जारी किया था. जिसमें उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल ना होने का कारण पूछा था. सचिन पायलट और उनके साथी कांग्रेस द्वारा बुलाई गई किसी विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए.

इसी नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट गुट ने राजस्थान की हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी. हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला रिजर्व रख लिया, साथ ही स्पीकर को आदेश दिया कि वो 24 जुलाई तक किसी बागी विधायक पर कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं.

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