राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को तमिलनाडु की अम्मा रसोई योजना की तर्ज पर राजस्थान में भी इंदिरा रसोई योजना लॉन्च करने का ऐलान किया. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जन जागरण अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अब कोई भूखा नहीं सोएगा. इसके लिए हम 100 करोड़ रुपये की लागत से इंदिरा रसोई योजना लेकर आ रहे हैं. इस योजना में स्थानीय स्वयं सहायता समूह की भागीदारी से हर गरीब को खाना खिलाया जाएगा.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब से आए हैं, गांधी परिवार के नाम पर योजनाओं को लॉन्च करते जा रहे हैं. राजस्थान में वसुंधरा राजे की अन्नपूर्णा रसोई योजना पहले से चल रही है, जिसमें 5 रुपये में भरपेट नाश्ता और 8 रुपये में भरपेट भोजन करवाया जाता है. यह बीजेपी सरकार की सर्वाधिक लोकप्रिय योजना है, जिसकी वजह से राजस्थान की कांग्रेस सरकार की आंख में अन्नपूर्णा रसोई योजना हमेशा चुभती रहती है.
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योजना की लोकप्रियता को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे बंद करने का ऐलान तो नहीं किया है, मगर कहा जा रहा है कि इस योजना के लिए लगातार बजट में कटौती की जा रही है और अब इसके नाम पर इंदिरा गांधी के नाम पर इंदिरा रसोई योजना शुरू करने का ऐलान किया है.
माना जा रहा है कि अन्नपूर्णा रसोई योजना में कटौती करने की वजह से ही कोरोना के समय में गरीब लोगों को खाने के लिए भटकना पड़ा था, जिसकी वजह से सरकार की किरकिरी हुई थी. इसे देखते हुए अब सरकार इसी तरह की अपनी योजना लेकर आ रही है. वसुंधरा राजे की अन्नपूर्णा रसोई योजना में रेडी टू ईट फूड घूमने वाले गाड़ियों के जरिए दिया जाता था, मगर इंदिरा आवास योजना में एनजीओ को पैसा दिया जाएगा और वह गरीबों को खाना खिलाएंगे.
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शरत कुमार