कोरोना: राजस्थान में हो सकेगी जिनोम सिक्वेन्सिंग, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. जिनोम सिक्वेन्सिंग की तकनीक से वायरस के नए वेरिएंट के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकेगी. 

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 एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा प्रारम्भ कर दी गई है.( फाइल फोटो) एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा प्रारम्भ कर दी गई है.( फाइल फोटो)

देव अंकुर / शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 25 जून 2021,
  • अपडेटेड 12:19 AM IST
  • वायरस के नए वेरिएंट के बारे में मिलेगी जानकारी
  • ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान
  • गुरुवार को राजस्थान में कोरोना से एक भी मौत नहीं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा प्रारम्भ कर दी गई है. राज्य स्तर पर टोटल जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध होने की दृष्टि से राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. जिनोम सिक्वेन्सिंग की तकनीक से वायरस के नए वेरिएंट के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकेगी. उन्होंने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करीब 1 करोड़ रूपये खर्च कर जिनोम सिक्वेन्सिंग की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है. 

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डॉ. शर्मा ने बताया कि जिनोम सिक्वेन्सिंग के लिए अब तक प्रदेश से सैंपल केन्द्र सरकार की इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा राजस्थान के लिये निर्धारित दिल्ली स्थिति आईजीआईबी लैब में भिजवाए जा रहे थे. प्रदेश से रोज 10 के हिसाब से महीने में निर्धारित 300 सैंपल भिजवाए जा रहे थे लेकिन इनकी रिपोर्टस् समय पर नहीं मिल रही थी.

डॉ. शर्मा ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में स्थापित मशीन पर सैंपलिंग कार्य 15 जून से प्रारम्भ कर दिया गया है. इस मशीन की क्षमता प्रतिदिन 20 सैंपल जांच करने की हैं एवं शीघ्र ही इसकी क्षमता को बढ़ाकर प्रतिदिन 80 सैंपल की जांच की जायेगी. सैंपल की जांच रिपोर्ट 3 से 4 दिन में प्राप्त हो रही है. 

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उन्होंने बताया कि अब तक कोविड-19 के करीब 100 सैंपल की जिनोम सिक्वेन्सिंग की गई है. जांच रिपोर्ट के अनुसार इनमें से लगभग 90 प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट पाया गया है. शेष 10 प्रतिशत कोविड-19 का बी 1.1 वेरिएंट मिला है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा सुलभ होने से कोविड-19 के बदलते वेरिएंट पर प्रभावी निगरानी की जा सकेगी.

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इसके अलावा एक राहत भरी खबर यह भी है कि पिछले 24 घंटे में राजस्थान में कोरोना से एक भी मौत के मामले सामने नहीं आए हैं. गुरुवार को राजस्थान में  कोरोना के 147 नए मामले सामने आए जिसमें से 14 मामले जयपुर से थे. इस दौरान सूबे में कोरोना के 306 मरीज भी ठीक हुए.राजस्थान में कोरोनावायरस के कुल एक्टिव मामले गिरकर 2019 रह गए हैं. गुरुवार को प्रदेश के चिकित्सा विभाग द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक 33 में से 8 जिलों में कोरोना का एक भी नया मामला सामने नहीं आया. अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 8905 लोगों की मौत कोविड-19 की वजह से हो चुकी है.

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