राजस्थान: विधानसभा में हंगामा करने वाले विधायकों का निलंबन खारिज

राजस्थान विधानसभा में देर रात तक चले ड्रामे में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अनुरोध पर विधान सभा अध्यक्ष ने 12 कांग्रेसी विधायकों का निलंबन तो वापस ले लिया.

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विधानसभा में हंगामा करने पर 14 विधायक निलंबित विधानसभा में हंगामा करने पर 14 विधायक निलंबित

जावेद अख़्तर

  • जयपुर,
  • 26 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:31 AM IST

राजस्थान विधानसभा में देर रात तक चले ड्रामे में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अनुरोध पर विधान सभा अध्यक्ष ने 12 कांग्रेसी विधायकों का निलंबन तो वापस ले लिया, मगर वसुंधरा के धुर विरोधी निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल और बीएसपी विधायक मनोज न्यांगली का निलंबन वापस नहीं लिया गया. कांग्रेस ने तय किया है कि बाकी के दो विधायकों के निलंबन वापस लिए बिना वो नहीं मानेंगे. उधर 14 विपक्षी विधायकों के निलंबन के दौरान राजस्थान विधान सभा में जीएसटी बिल बहुमत से पास हो गया.

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राजस्थान विधानसभा में हंगामा करना कांग्रेस विधायकों पर भारी पड़ गया. विधानसभा अध्यक्ष ने अनुशाहनहीनता के आरोप में कांग्रेस के 12 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था. जबकि उनका साथ देने वाले एक बीएसपी विधायक और एक निर्दलीय विधायक को एक साल के लिए निलंबित किया गया था. आरंभ में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किया था लेकिन मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से मामले में उदार रूख अपनाने का अनुरोध किया था. इस अनुरोध के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अपने फैसले में बदलाव किया.

क्यों किया हंगामा
दरअसल कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह दोतासरा प्रश्नकाल के दौरान सवाल करने लगे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी. इससे नाराज होकर कई विधायक वेल में पहुंच गए और हंगामा करने लगे. विधायकों के शोरगुल के चलते विधानसभा अध्यक्ष को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

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विधायकों के आचरण को विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने अनुशासनहीनता माना. इसके बाद हंगामा करने वाले विधायकों के खिलाफ एक साल का निलंबन प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया.

सुरक्षाकर्मियों ने सदन से निकाला था बाहर
अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के आदेश पर मार्शलों ने नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी समेत हंगामा कर रहे प्रतिपक्ष सदस्यों को उठाकर सदन से बाहर निकाल दिया. अध्यक्ष के आदेश पर सुरक्षाकर्मियों ने सबसे पहले कांग्रेस के गोविन्द डोटासरा और बाद में एक एक कर बाकी प्रतिपक्ष सदस्यों को सदन से निकाला. इस दौरान कांग्रेस के धीरज गुर्जर, मनोज न्यांगली समेत चार प्रतिपक्ष सदस्यों की सुरक्षाकर्मियों से हल्की झड़प भी हुई. कांग्रेस की शकुंतला रावत को भी महिला सुरक्षाकर्मी बिना किसी खास विरोध के सदन से बाहर ले गई.

इन विधायकों का हुआ था निंलबन
गोविन्द सिंह दोतसरा- कांग्रेस
धीरज गुर्जर- कांग्रेस
शकुंतला रावत- कांग्रेस
अशोक चांदना- कांग्रेस
श्रवण गुर्जर- कांग्रेस
हीरा लाल- कांग्रेस
सुखराम विश्नोई- कांग्रेस
मेवा राम- कांग्रेस
रमेश मीणा- कांग्रेस
घनश्याम- कांग्रेस
राजेन्द्र सिंह- कांग्रेस
भजन लाल- कांग्रेस
मनोज न्यागली- बीएसपी
हनुमान बेनीवाल- निर्दलीय

विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सदन में विधायकों के हंगामे पर दुख जाहिर किया. उन्होंने माना कि कुछ विधायकों ने सदन की परम्पराओं और नियमों का उल्लंघन किया, जिसके बाद उनके खिलाफ एक्शन लिया गया.

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