क्या बीजेपी कपासन में दोहरा सकेगी 2013 विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन?

चित्तौड़गढ़ की कपासन विधानसभा में साल 2013 के चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब राज्यमंत्री आरडी जावा 30,000 से ज्यादा वोटों से हार गए. ऐसे में सवाल है कि बीजेपी पिछले विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहरा पाती है या नहीं.

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विवेक पाठक

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:53 PM IST

मेवाड़ क्षेत्र के चित्तौड़गढ़ जिले की पांच विधानसभा सीटों चित्तौड़गढ़, निंबाहेड़ा, बड़ी सादड़ी, बेगूं और कपासन पर बीजेपी का कब्जा है. यही वजह है कि 24 अगस्त से कांग्रेस अपनी संकल्प यात्रा की शुरुआत बीजेपी के इस मजबूत किले से करने जा रही है.

चित्तौड़गढ़ जिले की कपासन विधानसभा क्षेत्र संख्या 167 की बात करें तो यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार इस विधानसभा की कुल आबादी 3,44,166 है जिसका 93.94 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 6.06 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. वहीं कुल आबादी का 18.85 फीसदी अनुसूचित जाति और 9.67 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. अनुसूचित जनजातियों के साथ ही इस सीट पर गाडरी, जैन और ब्राह्मण समाज का अच्छा खासा दखल है.

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2017 की वोटर लिस्ट के अनुसार कपासन विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2,43,141 है और 306 पोलिंग बूथ हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 78.23 फीसदी मतदान हुआ जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 60.14 फीसदी मतदान हुआ था.

2013 विधानसभा चुनाव का परिणाम

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अर्जुन लाल जीनगर ने कांग्रेस प्रत्याशी और राज्यमंत्री आरडी जावा को 30,246 मतों से पराजित किया. बीजेपी के अर्जुन लाल जीनगर को 96,190 वोट और कांग्रेस के जावा को 65,944 वोट मिले थे.        

2008 विधानसभा चुनाव का परिणाम

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शंकर लाल बैरवा ने बीजेपी के अर्जुन लाल जीनगर को 6,654 वोटों से शिकस्त दी थी. तब कांग्रेस के शंकर लाल बैरवा को 50,147 वोट और बीजेपी के अर्जुन लाल जीनगर 43,493 वोट मिले थे.

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