दर्द से छटपटाती गाय के लिए मुस्लिम युवक बने मसीहा, टॉर्च की रोशनी में किया पैर का इलाज

दरअसल, इस गाय की हालत खराब हुई, तो उसके मालिक ने इलाज की जगह उसे बेसहारा सड़क पर छोड़ दिया. इन युवकों ने अपने मोहल्ले में एक गाय को लंगड़ाते और दर्द से छटपटाते हुए देखा. गाय की हालत इतनी खराब थी कि उसके एक पैर में गहरा जख्म था, जिसमें कीड़े पड़ गए थे.

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मुस्लिम युवकों ने गाय की बचाई जान मुस्लिम युवकों ने गाय की बचाई जान

अंजलि कर्मकार / खुशदीप सहगल

  • झालावाड़,
  • 06 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

देश में गौरक्षा के लिए बड़े-बड़े बयान दिए जाते हैं, लेकिन सड़कों पर बेसहारा घूमने वाली गायों की फिक्र करने वाले कम ही मिलते हैं. इस दिशा में राजस्थान के झालावाड़ के कुछ मुस्लिम युवकों ने जो किया वो अपने आप में मिसाल है. युवकों ने दर्द से छटपटाती गाय का इलाज किया और उसका पैर कटने से बचाया.

दरअसल, इस गाय की हालत खराब हुई, तो उसके मालिक ने इलाज की जगह उसे बेसहारा सड़क पर छोड़ दिया. इन युवकों ने अपने मोहल्ले में एक गाय को लंगड़ाते और दर्द से छटपटाते हुए देखा. गाय की हालत इतनी खराब थी कि उसके एक पैर में गहरा जख्म था, जिसमें कीड़े पड़ गए थे.

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गाय को बेहद तकलीफ में मुस्लिम समाज के कुछ युवकों ने देखा, तो उनसे रहा नहीं गया. उन्होंने रात होने के बावजूद झालावाड़ अस्पताल से एक कंपाउडर को बुलाया. फिर टॉर्च की रोशनी में ही गाय का इलाज शुरू हुआ. गाय के जख्म को साफ करने के बाद उसकी मरहम-पट्टी की गई. गाय की लगातार देखभाल करने से उसे आराम मिला. अगर सही वक्त पर इलाज नहीं मिलता, तो उसका पैर काटने की नौबत आ सकती थी. गाय चलने लायक हो गई तो युवक रात को ही उसके मालिक के घर तक छोड़ आए.

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