राजस्थान की पूर्व वसुंधरा सरकार की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना 'भामाशाह योजना' गहलोत सरकार बंद कर सकती है. राज्य की वसुंधरा सरकार की सबसे लोकप्रिय योजना को बंद करने के लिए राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने सिफारिश की है. इस बीच लोगों की नाराजगी और बीजेपी के विरोध से बचने के लिए गहलोत सरकार ने एक रास्ता निकाला है कि वह भामाशाह योजना की जगह केंद्र की मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना शुरू करेगी.
केंद्र की आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को शुरू करने से राजस्थान में करीब 600 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सत्ता में आते ही सबसे पहले भामाशाह योजना लागू की थी जिसके लिए कार्ड बनाया गया था. इस कार्ड में एक तरफ वसुंधरा राजे की तस्वीर थी तो दूसरी तरफ बीजेपी के चुनाव चिन्ह कमल का निशान था. कार्ड पर केसरिया और हरे रंग का बीजेपी के झंडे का रंग भी बना हुआ था.
इसके विरोध को लेकर कांग्रेस कोर्ट भी गई थी लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी थी. राजस्थान में भामाशाह योजना के तहत 4.50 करोड़ लोग आते हैं जिस पर राजस्थान सरकार 1490 करोड़ रुपये खर्च करती है. इस योजना के तहत 30 हजार से लेकर 3 लाख रुपये तक का बीमा का कवर मिलता है. योजना राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के अलावा 774 निजी अस्पतालों में भी लागू है.
इस योजना को बंद करके आयुष्मान भारत योजना शुरू करने से राजस्थान सरकार को केंद्र से 900 करोड़ रुपये मिलेंगे क्योंकि आयुष्मान भारत योजना में 60 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठाती है और 40 फीसदी राज्य सरकार को देना होता है. सबसे बड़ी बात है कि इस योजना में डेढ़ करोड़ लोग ही कवर हो पाएंगे जबकि भामाशाह योजना के दायरे में 4.50 करोड़ हैं. इसलिए राजस्थान सरकार सोच समझकर फैसला लेना चाहती है.
कहीं पैसा बचाने के चक्कर में लोगों की नाराजगी न झेलनी पड़े. क्योंकि माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे सरकार को विधानसभा चुनाव में टक्कर दी है तो उसकी सबसे बड़ी वजह भामाशाह योजना ही थी. यही वजह थी कि केंद्र की मोदी सरकार के कहने के बावजूद वसुंधरा राजे ने अपनी योजना बंद नहीं की थी. वित्त विभाग ने बंद करने की सिफारिश तो कर दी है लेकिन राजस्थान सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है.
शरत कुमार