आनंदपाल के परिवार के समर्थन में आए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और चंद्रेश कुमारी

पिछले 13 दिनों से आनंदपाल का शव घर के बाहर रख कर एनकाउन्टर की सीबीआई जांच की मांग कर रहे आनंदपाल के परिवार को अब कांग्रेस का भी साथ मिल गया है.

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दिग्विजय सिंह और चंद्रेश कुमारी दिग्विजय सिंह और चंद्रेश कुमारी

शरत कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

पिछले 13 दिनों से आनंदपाल का शव घर के बाहर रख कर एनकाउन्टर की सीबीआई जांच की मांग कर रहे आनंदपाल के परिवार को अब कांग्रेस का भी साथ मिल गया है. जोधुपर राजघराने की बेटी और पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी ने आनंदपाल के गांव सांवराद पहुंचकर उनके परिजनों को समर्थन दिया. चंद्रेश कुमारी ने पूरे मामले की जांच सीबीआई कराने की मांग की.

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कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता दिग्विजय सिंह भी आनंदपाल के परिवार के साथ खड़े नजर आ रहे है. अजमेर यात्रा पर आये दिग्विजय ने आनंदपाल के मामले में सरकार को घेरते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया है. दिग्विजय के साथ मौजूद श्री राजपूत करणी सेना के अजीत सिंह मामडोली ने आरोप लगाया कि सरकार मीडिया का गलत इस्तेमाल कर आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.

आनंदपाल एनकाउन्टर मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी के उनके परिजनों के साथ आने को राजस्थान की राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह बयान उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब इस मामले में राजनीति के आरोप राजपूत समाज पर लग रहे है.

दिग्विजय ने गुरुवार को अजमेर में प्रेस से वार्ता करते समय आनंदपाल के परिवार की मांग का समर्थन किया कि एनकाउन्टर की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

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दिग्विजय का कहना था की जब सरकार और पुलिस ने कुछ गलत नही किया तो डर किस बात का है. उसे सीबीआई जांच का सामना करने में परेशानी नही होनी चाहिए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में राजपूत समाज उद्वेलित  है. वही राजपूत समाज जिसने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री चुना. उनकी मांग बड़ी साधारण है कि आप इसकी सीबीआई जांच कर दीजिए. यदि सही एनकाउंटर है तो क्यों घबराती है सरकार और यदि गलत एनकाउंटर है तो ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए जिन्होंने गलत एनकाउंटर  किया  है.

उन्होंने कहा, 'उसको  गिरफ्तार करते, अदालत  में पेश करते, अदालत सजा देता. दूसरा सवाल यह आता है कि उनके वकील जब मुख्यमंत्री, डीजीपी सब को यह  कह चुके थे कि आनंदपाल  सरेंडर करना  चाहता  है, उसके  लिए आप हमें इजाजत दे दीजिये, उसको यह डर था कि उसकी हत्या कर दी जाएगी. हत्या  का  प्रयास बीकानेर जेल में किया भी गया था. इस प्रकार आज बहुत ही अप्रिय स्थि‍ति बनी हुई  है. कई दिन बीत जाने के बाद भी दाह संस्कार नहीं हुआ है.

 

 

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