प्रदूषण के कारणों पर हो रहा रिसर्च, नासा की तस्वीरों से ले रहे मदद

दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा, औऱ चंडीगढ़ में भी एयर कवालिटी पुअर से वेरी पुअर के बीच है. इस वजह से स्कूल ऑफ हेल्थ स्टडीज के विशेषज्ञ वायु प्रदूषण की जानकारी ले रहे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 16 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

स्कूल ऑफ हेल्थ स्टडीज पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में प्रदूषण के कारकों पर रिसर्च कर रही है. इसके लिए नासा द्वारा जारी तस्वीरों की मदद ली जा रही है. वहीं, चंडीगढ़ पीजीआई के एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ एनवायरमेंट हेल्थ रविंद्र खेयवाल का कहना है कि सिर्फ पराली जलाने से ही पॉल्युशन नहीं हुआ. इसके दूसरे कारणों को भी नजरअंजाद नहीं करना चाहिए.

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बता दें, दिल्ली- एनसीआर ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा, औऱ चंडीगढ़ में भी एयर कवालिटी पुअर से वेरी पुअर के बीच है. इस वजह से स्कूल ऑफ हेल्थ स्टडीज के विशेषज्ञ वायु प्रदूषण की जानकारी ले रहे हैं. इसके अलावा नासा द्वारा जारी रिपोर्ट और इमेज की भी मदद ली जा रही है. पिछले दिनों 5 नवंबर को सबसे ज्यादा पोल्युशन देखने को मिला था.

विशेषज्ञ रविंद्र खेयवाल का कहना है कि पराली के साथ-साथ प्रदूषण के अन्य कारण भी हैं. इन कारणों में गाड़ियों का धुआं, कंस्ट्रक्शन, धूल भी हैं. आज भी गांव में गाय के गोबर को जलाया जाता है. इससे भी प्रदूषण होता है. इसके साथ ही कूड़े में आग लगाने से भी प्रदूषण हो रहा है.

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