रेल ट्रैक पर बिछ गईं 60 लाशें, एक-दूसरे पर मढ़ रहे आरोप

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि रेलवे से यह अपील की गई थी कि रावण दहन के दौरान ट्रेन धीमी रफ्तार से चलाई जाए.

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अमृतसर ट्रेन हादसे की जगह की गूगल इमेज अमृतसर ट्रेन हादसे की जगह की गूगल इमेज

श्याम सुंदर गोयल

  • अमृतसर/नई दि‍ल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 6:50 AM IST

अमृतसर में रावण दहन देख रहे कई लोगों को ट्रेन रौंदती हुई चली गई, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने में लगे हुए हैं. पंजाब के अमृतसर में बड़ी रेल दुर्घटना हुई है. जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू (ट्रेन नंबर 74943) की चपेट में आने से 60 लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है.

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इस पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि रेलवे से यह अपील की गई थी कि रावण दहन के दौरान ट्रेन धीमी रफ्तार से चलाई जाए.

दूसरी ओर, पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है हर साल रेलवे से यह अपील की जाती है कि कार्यक्रम के दौरान ट्रेन धीमी रफ्तार से चलाई जाए, लेकिन रेलवे में इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई.

वहीं, पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस हादसे के लिए रेलवे को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया. सिद्धू ने कहा कि ट्रेन की रफ्तार धीमी होनी चाहिए थी, इसके साथ ही सीटी बजाकर चेतावनी देनी चाहिए थी, लेकिन इस मामले में पूरी तरह लापरवाही बरती गई ज‍िससे कई लोगों को जान गंवानी पड़ी.

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यह हादसा अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास हुआ है. घटनास्थल से हृदयविदारक तस्वीरें आ रही हैं, जिसे देखा नहीं जा सकता है. ट्रैक के आसपास खून ले लथपथ लाशें बिखरी पड़ी हैं. घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद बता रहे हैं कि ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी, जबकि भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुए इसकी रफ्तार कम होनी चाहिए. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है.

घटनास्थल के पास काफी लोग इकट्ठा हो गए हैं और परिजनों की तलाश कर रहे हैं. मौके पर चारों तरफ लोगों के रोने-बिलखने की तस्वीरें देखी जा सकती हैं. बड़े पैमाने पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है. घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.

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