AAP के बागी बनेंगे अमरिंदर के खेवनहार, कांग्रेस में बगावत के बीच खैरा गुट ने किया समर्थन का ऐलान 

पंजाब की राजनीति में हलचल जारी है. गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली पहुंचे, उन्हें यहां पर कांग्रेस के पैनल से मुलाकात करनी है. दिल्ली आने से पहले अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में AAP के बागियों ने कांग्रेस ज्वाइन की.

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AAP के बागियों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का किया समर्थन AAP के बागियों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का किया समर्थन

आनंद पटेल

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2021,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST
  • पंजाब की राजनीति में जारी है हलचल
  • दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह

पंजाब की सियासत लगातार करवट ले रही है. शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को नई दिल्ली में केंद्रीय आलाकमान द्वारा बनाए गए पैनल से मुलाकात करनी है. अमरिंदर सिंह दिल्ली आ चुके हैं, लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा दांव चल दिया है. 

जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी के अंदर ही चुनौती मिल रही है, उस वक्त आम आदमी पार्टी के बागी विधायकों ने कैप्टन का साथ दिया है. AAP के बागी विधायक सुखपाल खैरा और उनके दो अन्य साथियों ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की, खुद अमरिंदर सिंह ने उनका स्वागत किया. 

अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सुखपाल खैरा भी दिल्ली आए हैं. गुरुवार को दिल्ली के कपूरथला हाउस में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के सांसदों से मुलाकात की. 

बागी तेवरों के बीच केंद्रीय आलाकमान हुआ एक्टिव
आपको बता दें कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में बगावत के सुर सुनाई पड़ रहे हैं. करीब दो दर्जन विधायकों ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोला तो केंद्रीय आलाकमान को हरकत में आना पड़ा.

केंद्रीय आलाकमान ने एक पैनल का गठन किया और सभी विधायकों, मंत्रियों, सांसदों को दिल्ली तलब किया. इसी हफ्ते अलग-अलग नेताओं ने पैनल के सामने अपनी बात रखी. इनमें सीधे कैप्टन को चुनौती देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हैं. सिद्धू ने पैनल के सामने अपनी बात कहने के बाद मीडिया को बताया कि वो अपने स्टैंड पर कायम हैं और पंजाब की जनता के हाथ में ताकत होनी चाहिए. 

अब जब सभी ने अपनी बात रख दी है तो अंत में कैप्टन अमरिंदर सिंह पैनल से मुलाकात करेंगे और सभी विवादों को दूर करेंगे. कांग्रेस पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में खड़ी हुई इस परेशानी ने चिंता को बढ़ा दिया है. 

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