अमृतपाल का एक और करीबी चढ़ा पुलिस के हत्थे, सरहिंद से जोगा सिंह गिरफ्तार

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर धीरे-धीरे शिकंजा कसता जा रहा है. अब उसका एक और करीबी सहयोगी जोगा सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. जोगा सिंह को सरहिंद से गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले पप्पलप्रीत सिंह को भी पुलिस पकड़ चुकी है. हालांकि अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है और पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई है.

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अमृतपाल का एक और करीबी गिरफ्तार अमृतपाल का एक और करीबी गिरफ्तार

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 15 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:28 PM IST

खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन का चीफ अमृतपाल सिंह काफी दिनों से फरार चल रहा है लेकिन उसका बेहद करीबी जोगा सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. जोगा सिंह को सरहिंद से गिरफ्तार किया है. इस बात की जानकारी डीआईजी बॉर्डर रेंज नरिंदर भार्गव ने दी है.

इससे पहले पंजाब पुलिस की तरफ से राजदीप समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. राजदीप पर अमृतपाल सिंह की पोस्ट शेयर करने और अमृतपाल सिंह की मदद करने का आरोप है. तीनों को आज होशियारपुर में सिमरनजीत सिंह सोही की अदालत में  पेश किया गया.

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कोर्ट ने महटीआना पुलिस को राजदीप सिंह, ओंकार सिंह का 4 दिन का रिमांड दे दिया है जबकि एक व्यक्ति को जेल भेज दिया गया है. वहीं थाना मेहटीयाना की तरफ से गिरफ्तार किए गए चौथे व्यक्ति गोगे के मामले में 2 दिन का रिमांड हासिल हुआ है . पुलिस की तरफ से राजदीप को लेकर 10 दिन की रिमांड की मांग की गई थी.

अब तक पकड़े गए अमृतपाल के 9 करीबी

अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है. अब तक उसके नौ गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उसका खास सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह भी शामिल है. जिन नौ गुर्गों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है, उनमें पप्पलप्रीत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह उर्फ बाजेके, गुरमीत सिंह बुक्कनवाल,  बसंत सिंह दौलतपुरा, हरजीत सिंह, वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, वरिंदर सिंह, गुरिंदर पाल सिंह शामिल हैं. ये सभी फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.

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असम की जेल में बंद हैं अमृतपाल के सहयोगी

अमृतपाल का दाहिना हाथ और मीडिया सलाहकार पप्पलप्रीत सिंह का, जिसकी पृष्ठभूमि भी अन्य सहयोगियों की तरह आपराधिक है. पप्पलप्रीत सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों में अजनाला थाने पर हमला, अपहरण और लोगों को धमकी देना शामिल है. 

वह दीप सिद्धू का भी करीबी सहयोगी रहा था जिसकी 2022 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. आईएसआई के साथ कथित संबंधों के चलते पप्पलप्रीत के खिलाफ 2015 में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. सूत्रों का कहना है कि पप्पलप्रीत सिंह सहित अमृतपाल के सहयोगियों को आईएसआई और विदेशी खालिस्तानी हमदर्दों से फंडिंग मिली थी. अमृतपाल सिंह को मीडिया में भिंडरावाले 2.0 के रूप में पेश करने के पीछे भी पप्पलप्रीत का ही दिमाग था.

 

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