पंजाब में बढ़ाई जा सकती है धूम्रपान की उम्र, मंत्रिमंडल में भेजा जाएगा प्रस्ताव

'पंजाब में अन्य राज्यों की तुलना में तंबाकू के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम है, क्योंकि सिख धर्म में धूम्रपान पर पाबंदी है.'

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सांकेतिक फोटो (Photo- Aaj Tak) सांकेतिक फोटो (Photo- Aaj Tak)

मनजीत सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

पंजाब सरकार देश में तंबाकू के सेवन से बढ़ रहे कैंसर को लेकर जल्द ही राज्य में धूम्रपान की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने पर विचार कर रही है. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने 'आजतक' को बताया कि उन्होंने सैद्धांतिक तौर पर इस प्रस्ताव के पक्ष में हामी भर दी है और जल्द ही एक प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

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सिद्धू के मुताबिक, पंजाब में अन्य राज्यों की तुलना में तंबाकू के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम है, क्योंकि सिख धर्म में धूम्रपान पर पाबंदी है.

उन्होंने बताया कि पंजाब में पिछले दशक के दौरान तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में काफी गिरावट आई है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के मुताबिक पंजाब में तंबाकू इस्तेमाल करने वालों की संख्या 33.86 से घटकर 19.2 फीसदी हो गई.

बता दें कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने राज्य में ई-सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया. राज्य में सिगरेट की खुली बिक्री पर भी पाबंदी है. मौजूदा कानून के मुताबिक, पंजाब में 18 साल से ऊपर की आयु के लोग ही धूम्रपान कर सकते हैं.

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिद्धू का मानना है कि राज्य में ज्यादातर धूम्रपान और तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले लोग बाहरी राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, जो काम धंधे की तलाश में पंजाब आते हैं.

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बहरहाल, राज्य सरकार भले ही धूम्रपान की उम्र बढ़ाकर 21 साल का प्रावधान करने जा रही हो, लेकिन इस नियम का कड़ाई से पालन करवाना इतना आसान नहीं होगा. उधर इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद सरकार को राजस्व घाटा भी उठाना पड़ेगा.

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