पंजाब: केजरीवाल की चेतावनी के बावजूद खैरा की मीटिंग में पहुंचे 6 MLA

पंजाब में आम आदमी पार्टी दो गुटों में बंटी हुई नजर आ रही है. विधानसभा में नेता विपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद सुखपाल खैरा ने बगावती तेवर अपना लिए हैं.

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आप नेता सुखपाल खैरा (फाइल फोटो) आप नेता सुखपाल खैरा (फाइल फोटो)

सतेंदर चौहान

  • भटिंडा,
  • 02 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

आम आदमी पार्टी की पंजाब विंग में अब कलह खुलकर सामने आने लगी है. विधानसभा में नेता विपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद सुखपाल खैरा ने गुरुवार को पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी. जिसमें आम आदमी पार्टी के 6 विधायकों ने हिस्सा लिया.

इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि पार्टी नेतृत्व की तरफ से सभी को चेतावनी दी गई थी कि कोई भी इस बैठक में शामिल ना हो. पंजाब में बागियों के शक्ति प्रदर्शन से पहले बुधवार को ही आम आदमी पार्टी ने पंजाबी यूनिट को संकेत दिया था कि ऐसी स्थिति में वह बागियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.

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सिसोदिया ने बताया था- पार्टी विरोधी गतिविधि

आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने 2 अगस्त को भटिंडा में होने वाली इस बैठक को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया था. सुखपाल खैरा ने सोशल मीडिया पर मनीष सिसोदिया के इस आदेश पर नाराजगी जताते हुए इसे तानाशाही रवैया करार दिया था. खैरा ने खुलकर ऐलान किया कि गुरुवार को भटिंडा में होने वाली रैली से इस पूरे विवाद को एक साथ ही खत्म कर दिया जाएगा.

सुखपाल खैरा को हटाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने पार्टी के दलित विधायक हरपाल सीमा को पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष नियुक्त किया था, जिसको लेकर सुखपाल खैरा और उनके गुट के विधायक कंवर संधू ने मनीष सिसोदिया के साथ ही बैठक में इसका विरोध किया. कंवर संधू ने कहा था कि अगर पार्टी पंजाब में दलित को चेहरा बनाना चाहती है तो क्यों न प्रदेश अध्यक्ष किसी दलित को बनाया जाए.

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बता दें कि बैठक से पहले सुखपाल खैरा ने कहा था कि वो ये बैठक सिर्फ और सिर्फ पंजाब के लोगों और उनके मुद्दों के लिए कर रहे हैं और इसे रोकने के लिए बेवजह इस तरह की अफवाहें फैला कर उनके और उनके साथी विधायकों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है.

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