प्रियंका गांधी पर सीनियर बादल का हमला- दादी की तरह दिखती हो, वैसा काम मत करना

शिरोमणी अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि प्रियंका गांधी इंदिरा गांधी जैसी दिखती हैं और सुना है कि वो उनको कॉपी भी करती हैं. लेकिन मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि वो इंदिरा गांधी को बिल्कुल भी कॉपी ना करें, क्योंकि जिस तरह के काम इंदिरा गांधी ने किए थे वो फिर से नहीं होने चाहिए.

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प्रियंका गांधी प्रियंका गांधी

सतेंदर चौहान

  • चंडीगढ़,
  • 12 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:39 PM IST

प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद कांग्रेस नेता उत्साह से लबरेज हैं और उनकी तुलना उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कर रहे हैं. इन सबके बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने प्रियंका गांधी को बड़ी नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि इंदिरा ने जो काम किए हैं उन्हें प्रियंका गांधी बिल्कुल न करें.

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प्रकाश सिंह बादल ने कहा, 'प्रियंका गांधी इंदिरा गांधी जैसी दिखती हैं और सुना है कि वो उनको कॉपी भी करती हैं. लेकिन मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि वो इंदिरा गांधी को बिल्कुल भी कॉपी ना करें, क्योंकि जिस तरह के काम इंदिरा गांधी ने किए थे वो फिर से नहीं होने चाहिए.

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने ही श्री हरमिंदर साहिब (अमृतसर के गोल्डन टेंपल) पर हमला करवाया था. प्रियंका गांधी उस तरह से इंदिरा गांधी को बिल्कुल भी कॉपी ना करें. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में आ जाने से कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है.

1984 में हुआ था ऑपरेशन ब्लू स्टार

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पंजाब में चल रहे आतंकवाद के सफाए के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था. इस अभियान के डर से अप्रैल 1984 में जरनैल सिंह भिंडरावाले गोल्डन टेंपल से सटे गुरु नानक निवास से अकाल तख्त जा पहुंचा था. अकाल तख्त गोल्डन टेंपल के बिल्कुल सामने है, यही उसका ठिकाना बन गया था. भिंडरावाले यहीं से खालिस्तान मूवमेंट का संचालन करने लगा था.

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ऐसे में इंदिरा सरकार ने पंजाब के अमृतसर को सेना की छावनी में तब्दील कर दिया. मई 1984 की रात को फौज का काफिला अमृतसर और पंजाब के बाकी शहरों में पहुंच गया. भिंडरावाले भारी मात्रा में असला बारूद लिए सिखों के सबसे पवित्र स्थल पर काबिज था. इस स्थल से लगी इमारतों से सीआरपीएफ और बीएसएफ के जवान नजर बनाए हुए थे. 1 जून की रात 9 बजे अमृतसर में कर्फ्यू लगा दिया गया और अगले 24 घंटों के बीच करीब 70 हजार फौजियों ने पूरे पंजाब में अपने पैर पसार लिए थे.

सेना ने गोल्डन टेंपल को पूरी तरह से घेर लिया था. 3 जून 1984 को गुरुपर्व था उस दिन. श्रद्धालु गोल्डन टेम्पल में माथा टेकने और पाठ करने के लिए एकत्रित हुए और वहीं सेना तैयार थी भिंडरावाले का आतंक खत्म करने के लिए.  3 जून की रात को गोल्डल टेंपल में गोलियों की गूंज सुनाई देने लगे. इसी दौरान सेना ने भिंडरावाले का वहीं पर खत्म कर दिया.  

दरअसल सिख समुदाय में बीच श्री हरमिंदर साहिब की काफी अहमियत है. सिख समुदाय का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल माना जाता है. ऐसे में वहां पर गोली चलाने की इजाजत को लेकर सिख समुदाय इंदिरा गांधी से नाराज हो गए थे. इसी के चलते बाद में उन्हें उनके सिख सुरक्षा कर्मी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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