मुर्गीपालक किसानों को निजी कंपनियों ने थमाया अंडा

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनावी घोषणापत्र की याद दिलाते हुए पोल्ट्री किसानों ने कहा है कि निजी कंपनियां खुले बाजार में प्रसंस्करण या मूल्य संवर्धन के बिना ही अपना माल बाजार में उतार रही हैं.

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पोल्ट्री फार्म पोल्ट्री फार्म

संजय शर्मा

  • पंजाब,
  • 04 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:25 PM IST

मुर्गीपालक छोटे किसानों पर प्राइवेट प्लेयर्स की मोनोपोली बढ़ती जा रही है. पंजाब हरियाणा और हिमाचल जैसे राज्यों में छोटे मझोले किसानों ने बड़े नाम वाली इन निजी कंपनियों के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनावी घोषणापत्र की याद दिलाते हुए पोल्ट्री किसानों ने कहा है कि निजी कंपनियां खुले बाजार में प्रसंस्करण या मूल्य संवर्धन के बिना ही अपना माल बाजार में उतार रही हैं. इसकी वजह से छोटे किसानों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में ब्रॅायलर तो बेच ही रही हैं, साथ ही कम भुगतान करके टेंडर हासिल कर भी किसानों को गच्चा दे रही हैं.  

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सरकार से लगाई गुहार में किसानों ने कहा कि निजी कंपनियां किसानों का शोषण कर रही हैं. सरकार की निगाहों तले किसानों के हितों को चोट पहुंचाई जा रही है. पंजाब के पोल्ट्री किसानों ने मुख्यमंत्री से हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा दिए गए वादे की याद दिलाई है. किसानों ने कहा कि उनसे अंग्रेजी में लिखे गए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं. गुरुमुखी में भी कम पढ़े लिखे किसानों को वह भाषा समझ नहीं आती बिना किसी नोटिस के अनुबंध समाप्त भी कर दिया जाता है और उन्हें ऋण में फंसा कर छोड़ दिया जाता है।

पोल्ट्री और ब्रॉयलर खेती में शामिल किसान मुख्यमंत्री से मिल कर अपना दर्द बताना चाहते हैं. कांग्रेस ने वादा किया था कि वह किसानों के सभी प्रकार के अनुबंधों को विनियमित करेगा और उनके हितों की रक्षा करेगी. घोषणापत्र में मुर्गीपालन किसानों के लिए पूरी तरह सुसज्जित रोग विज्ञान और पोषण प्रयोगशाला की स्थापना का भी वादा किया गया था. स्वतंत्र पोल्ट्री एसोसिएशन के सुखमिन्दर सिंह ने कहा कि वे निजी कंपनियों द्वारा पंजाब संविदा कृषि अधिनियम, 2013 के उल्लंघन के बारे में जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग करेंगे.

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सुखमिंदर के मुताबिक 'अनुबंध खेती को एक शर्त के साथ अनुमति दी गई थी कि कंपनियां खुले बाजार में अपने उत्पादों को बेचने से पहले मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण करेगी. लेकिन ये निजी कंपनियां किसी तरह का मूल्य संवर्धन नहीं कर रही हैं, बल्कि किसानों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में बाजार में जिंन्दा और अप्रसारित ब्रॉयलर बेच रही हैं. वे इसे किसानों की लागत से भी कम कीमत पर भी बेच रहे हैं जिससे कि किसान नुकसान की ओर अग्रसर हैं और वे कर्ज से ग्रस्त होते जा हैं'.

एक पोल्ट्री फार्म के मालिक संजय शर्मा ने कहा कि किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे पंजाब संविदा कृषि अधिनियम, 2013 को सख्ती से लागू करें और उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करें जो किसानों को धोखा देती हैं. 'कंपनियां को उन किसानों को छोड़ पाना असंभव है जो कंपनियों को मुहैंया कराए जाने के लिए शेड का निर्माण कराते हैं तथा अन्य बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करते हैं जहां ब्रायलर पाला पोषा जाता है. हालांकि कंपनियां एकतरफा अनुबंध तैयार करती हैं और वह भी उस भाषा में जोकि किसानों की समझ से परे है. कई बार ब्रॅायलर को उठाने के बाद किसानों को बहुत कम भुगतान किया जाता है और वे किसी भी नोटिस के बिना बीच राह में छोड़ दिए जाते हैं. आखिरकार, वे कर्ज से ग्रस्त हो कर रह जाते हैं'.

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अधिनियम के पूर्ण उल्लंघन में, निजी कंपनियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है कि वे क्या कर रहे हैं, कि क्या वे चूज़ों तथा खुराक की गुणवत्ता, दवाओं, टीकाकरण, कीटाणुशोधन मानदंडों, पशु कल्याण मानदंडों, रोगजनकों और बीमारियों के प्रबंधन का पालन कर रहे हैं? अभी मंत्रिमंडल का विस्तार लंबित होने के कारण, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद पशुपालन का पोर्टफोलियों अपने पास रखे हुए हैं. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अनुबंधित पोल्ट्री फ़ार्मिंग सहित कई मुद्दों पर चर्चा लंबित हैं जो कि मुख्यमंत्री के व्यस्त कार्यक्रम के कारण महीनों से लंबित हैं. हमारे पास निजी कंपनियों की एक सूची है जो पंजाब में संविदागत कृषि मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं लेकिन हमें उनके खिलाफ कार्रवाई की गति बढ़ाने और उनके लाइसेंस रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी चाहिए.

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा कि कांग्रेस सरकार खेतों से खाने तक फायदेमंद मूल्य श्रृंखला बनाने, प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देगा, परंतु इसके लिए मूल्य श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर बुनियादी ढांचे में निवेश अनिवार्य होगा. जिससे किसानों की आय में सुधार करने के लिए नए घरेलू और निर्यात बाजारों का निर्माण किया जा सके.

इसके अलावा किसानों के सभी प्रकार के अनुबंधों को उनके हितों की रक्षा के लिए विनियमित करना और उन्हें उचित वैधानिक तंत्र के माध्यम से किसी भी संभावित शोषण से बचाने के लिए अैसी विधानिक संस्था में किसानों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होगा. राज्य भर में स्थायी, स्वस्थ, वैज्ञानिक और मुनाफे वाले पोल्ट्री खेती के लिए एक अच्छी तरह से सुसज्जित रोग विज्ञान और पोषण प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी.

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