नवजोत सिंह सिद्धू ने 'कैप्टन' को याद दिलाए सस्ती बिजली के वादे, शेयर किया ये VIDEO

प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर के बीच चल रही लड़ाई सत्तापलट की आवाज़ तक पहुंच गई. हालांकि पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने यह साफ कर दिया कि पंजाब के कैप्टन तो अमरिंदर ही रहेंगे. जिसके बाद सिद्धू खेमे को भारी झटका भी लगा.

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पंजाब में कैप्टन अमरिंदर VS नवजोत सिंह सिद्धू देखने को मिल रहा है पंजाब में कैप्टन अमरिंदर VS नवजोत सिंह सिद्धू देखने को मिल रहा है

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 26 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST
  • नवजोत सिंह सिद्धू ने Twitter पर शेयर किया कैप्टन अमरिंदर का एक वीडियो
  • पंजाब कांग्रेस में चल रही है अंतर्कलह

पंजाब कांग्रेस में जारी अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर के बीच चल रही लड़ाई सत्तापलट की आवाज़ तक पहुंच गई. हालांकि पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने यह साफ कर दिया कि पंजाब के कैप्टन तो अमरिंदर ही रहेंगे. जिसके बाद सिद्धू खेमे को भारी झटका भी लगा. अब ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम अमरिंदर के सस्ती बिजली के वादे को याद दिलाया है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से सीएम का एक वीडियो शेयर किया है. 


सिद्धू ने सीएम अमरिंदर का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि कांग्रेस पार्टी पीपीए को रद्द करके घरेलू बिजली 3 रुपये प्रति यूनिट और औद्योगिक बिजली 5 रुपये प्रति यूनिट देने के अपने संकल्प के साथ-साथ किसानों और एससी, बीसी, बीपीएल परिवारों को 10,000 करोड़ से अधिक की सब्सिडी देने के अपने संकल्प पर कायम है... यह वादा भी पूरा होना चाहिए 

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वहीं इससे पहले पार्टी में चल रही सिद्धू VS कैप्टन को लेकर हरीश रावत का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू अलग माहौल से आते हैं, उन्हें भविष्य को देखते हुए पंजाब की ज़िम्मेदारी दी गई है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पार्टी उनके हाथ में सौंप दी गई है, अभी भी अमरिंदर जी वहां पर हैं.

हरीश रावत ने नाराज मंत्रियों-विधायकों को सुना लेकिन कैप्टन को हटाने की बात को लेकर सख्त रुख अपनाया. कैप्टन अमरिंदर से जुड़े एक कांग्रेस नेता के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू को काफी ज्यादा मिल चुका है, लेकिन उनकी लालसा अभी खत्म नहीं हुई है. वह सबकुछ कब्जाना चाहते हैं, जब चुनाव को कुछ वक्त बचा है तो ऐसे में इस तरह की मांग की क्या ज़रूरत है.

 

 

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