पंजाब: बीजेपी नेता बोले- पार्टी में नवजोत सिंह सिद्धू की वापसी के रास्ते बंद

पंजाब में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू की बीजेपी में वापसी के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं. अगर वह पार्टी में वापसी करना भी चाहेंगे तो पार्टी उनके नाम पर विचार नहीं करेगी.

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कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू. (फाइल फोटो) कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार में नाराजगी के चलते मंत्री पद छोड़ने वाले नवजोत सिंह सिद्धू क्या बीजेपी में वापसी की कोशिश में हैं ? पंजाब में बीजेपी के उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल के मीडिया में आए एक बयान से इन अटकलों को बल मिला. एक मीडिया रिपोर्ट्स में उनके हवाले से कथित तौर पर कहा गया कि कांग्रेस में मंत्री पद छोड़ने के बाद से सिद्धू फिर से बीजेपी में आना चाहते हैं. इस सिलसिले में वह दिल्ली में पार्टी के एक नेता से भेंट भी कर चुके हैं, मगर उन्हें पार्टी लेने को तैयार नहीं है.

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इस मसले पर Aajtak.in से बात करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू की बीजेपी में वापसी के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं. अगर वह पार्टी में वापसी करना भी चाहेंगे तो पार्टी उनके नाम पर विचार नहीं करेगी. ग्रेवाल कहते हैं,"सिद्धू चाहते थे कि बीजेपी गठबंधन तोड़कर चुनाव लड़े. भला यह कैसे संभव हो सकता है.? पार्टी छोड़ने से पहले और बाद में सिद्धू ने बहुत अनाप-शनाप बातें पार्टी को लेकर कही. ऐसे में उन्हें बीजेपी नहीं लेगी."

इस मसले पर पंजाब बीजेपी के प्रवक्ता नवीन सिंगला कहते हैं कि राज्य नेतृत्व के पास सिद्धू की वापसी का कोई प्रस्ताव नहीं आया है. इस मसले पर जो भी निर्णय होगा, वह केंद्रीय नेतृत्व के स्तर से ही होगा.

बीजेपी से नाराजगी के चलते 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान वह कांग्रेस में शामिल हुए थे. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में वह मंत्री बने. बीते छह जून को फेरदबल के क्रम में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उनका विभाग बदल दिया था. कहा जाता है कि इससे नाराज होकर उन्होंने पदभार ग्रहण करने की जगह सीधे इस्तीफा दे दिया था.

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वहीं चुनाव के दौरान से ही उनके कैप्टन अमरिंदर सिंह से रिश्ते सहज नहीं थे. दोनों नेताओं की ओर से कई मौकों पर एक दूसरे के खिलाफ निशाना साधा जाता रहा. लोकसभा चुनाव के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर ठीकरा फोड़ा था. कहा था कि अगर सिद्धू पाकिस्तान जाकर वहां के सेना प्रमुख को गले न लगाते तो और सीटें मिलतीं.

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू 2004, 2007 और 2009 से अमृतसर सीट से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे. मगर 2014 में जब उनकी जगह अमृतसर से अरुण जेटली को बीजेपी ने उतारा था वह इस कदर नाराज हुए कि बाद में 2016 में कांग्रेस की शरण में चले गए. हालांकि बीजेपी ने नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें राज्यसभा भेजा था. मगर अब कांग्रेस में भी वह खुद को उपेक्षित पा रहे हैं.

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