किसान आंदोलन: पंजाब में 1500 मोबाइल टावरों को नुकसान, अमरिंदर ने चेताया

आरोप है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और उनके सहयोगी मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे पहले किसानों पर रिलायंस पेट्रोल पंप, रिलायंस रिटेल पर अपना गुस्सा उतारने का आरोप लगा था.   

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पंजाब में कई जगह मोबाइल टावर में तोड़फोड़ की गई है (फोटो- एएनआई) पंजाब में कई जगह मोबाइल टावर में तोड़फोड़ की गई है (फोटो- एएनआई)

ऐश्वर्या पालीवाल / मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़ ,
  • 29 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:57 AM IST
  • मोबाइल टावरों को निशाना बना रहे प्रदर्शनकारी
  • कैप्टन अमरिंदर ने दिया कार्रवाई का आदेश
  • JIO के तार जला रहे हैं प्रदर्शनकारी

किसान आंदोलन की मार पंजाब में मोबाइल टावरों पर पड़ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक अबतक राज्य में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है, कई मोबाइल टावरों की बिजली काट दी गई तो कई जगह तार के बंडल जला दिए गए हैं. 

आरोप है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और उनके सहयोगी मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे पहले किसानों पर रिलायंस पेट्रोल पंप, रिलायंस रिटेल पर अपना गुस्सा उतारने का आरोप लगा था.   

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पिछले कुछ दिनों में पंजाब में मोबाइल टावर की पावर काटने, बिजली के तार काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. किसानों के बीच धारणा है कि नए कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा फायदा उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की फर्मों को होगा, इसलिए किसान इन कंपनियों के संसाधनों पर ही अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. पीटीआई के मुताबिक एक सूत्र ने बताया कि शनिवार तक 1411 मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया था सोमवार को ये आंकड़ा 1500 से पार हो गया है. 

जालंधर में जलाए गए जियो के तार 

जालंधर में जियो की तारों का जला दिया गया था. राज्य में जियो के 9000 मोबाइल टावर हैं. ज्यादातर टावरों की पावर सप्लाई बंद की जा रही है. एक स्थान पर तो कुछ लोग मोबाइल टावर के लिए लगे जेनेरेटर को भी खींच कर ले गए.  सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि अबतक 433 मोबाइल टावरों की मरम्मत भी कर दी गई है, लेकिन बात तब बिगड़ी जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने टावर की देख-रेख करने वाले कर्मचारियों को बुरे नतीजों की धमकी दी. 

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1504 मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त 

आंकड़े दिखाते हैं कि तीन दिन में क्षतिग्रस्त मोबाइल टावरों की संख्या दोगुनी हो गई. 25 दिसंबर को क्षतिग्रस्त टावरों की संख्या 700 थी, अब ये संख्या बढ़कर 1504 हो गई है.  

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मोबाइल टावरों पर तोड़-फोड़ की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एक्शन में आए हैं. सीएम ने कहा कि पंजाब में अराजकता या किसी निजी या सार्वजनिक संपत्ति के विनाश को सहन नहीं किया जाएगा. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर रोक नहीं है लेकिन संपत्ति के नुकसान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम ने ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई का आदेश दिया है. 

हालांकि पंजाब पुलिस ने अबतक किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. इंडियन टेलिग्राफ एक्ट 1885 की धारा 25 के मुताबिक टेलिकॉम संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है. 

टेलिकॉम सेवाओं पर असर

मोबाइल टावरों में तोड़फोड़ का असर संचार सेवाओं पर पड़ा है. कई जगह फोन सेवाएं बाधित हुई हैं. मोबाइल के जरिए पढ़ाई करने वाले छात्रों को दिक्कतें हुई है. सीएम अमरिंदर ने कहा कि इस तरह संचार साधनों को नुकसान पहुंचाना छात्रों, खासकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले और कोविड महामारी के बीच कारण घर से काम करने वाले पेशेवरों के लिए नुकसानदायक होगा. उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाएं भी काफी हद तक ऑनलाइन लेनदेन पर निर्भर हैं, मोबाइल में तोड़फोड़ की वजह से इस पर भी असर पड़ रहा है. 

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